हर देश में कोरोना वायरस से एक ही प्रकार से संक्रमित नहीं हो रहे लोग, जानिए सचाई
कोरोना वायरस कोविड- 19 वैरिएंट ‘ए’
जैसा कि हमने बताया कि, कोरोना वायरस कोविड- 19 वैरिएंट ‘ए’ वुहान के अधिकतर मरीजों में नदारद रहा, लेकिन इसका म्यूटेटेड वर्जन (Mutated Version) वुहान में रह रहे अमेरिकी लोगों में देखा गया। इसके अलावा कोविड- 19 का ‘ए’ प्रकार मुख्य रूप से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर मरीजों में पाया गया।
कोरोना वायरस कोविड- 19 वैरिएंट ‘बी’
वुहान से शुरू हुए कोविड- 19 इंफेक्शन का मुख्य स्त्रोत ‘ए’ था, लेकिन वुहान के अधिकतर मामलों में कोरोना वायरस कोविड- 19 वैरिएंट ‘बी’ देखा गया, जो कि मुख्य वैरिएंट ‘ए’ से म्यूटेटेड (परिवर्तित) हुआ था। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ‘यही वैरिएंट वुहान का डोमिनेंट वैरिएंट रहा और यह बिना परिवर्तित हुए ईस्ट एशिया से बाहर नहीं फैल पाया।’
कोरोना वायरस कोविड- 19 वैरिएंट ‘सी’
कोरोना वायरस कोविड- 19 वैरिएंट ‘सी’ मुख्य रूप से यूरोपियन देशों के मरीजों में पाया गया। जो कि फ्रांस, इटली, स्वीडन और इंग्लैंड के शुरुआती मामलों में मौजूद था। यह वैरिएंट चीन के मुख्य क्षेत्र से लिए गए सैंपल में नहीं पाया गया, लेकिन सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और साउथ कोरिया के कुछ मरीजों में यह वैरिएंट पाया गया।
कोरोना वायरस के प्रकार क्यों बदलें?
किसी वायरस का प्रकार म्यूटेशन के कारण बदलता है, जो कि उसके जीनोम्स के आधार पर होता है। यह जीनोम्स अन्य भौगोलिक और डीएनए, क्रोमोजोम आदि बॉयोलॉजिकल कारणों की वजह से प्रभावित होता है। इसलिए, चीन, यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि के नागरिकों में फैलते हुए कोरोना वायरस कोविड- 19 वैरिएंट म्यूटेट होता रहा। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बाद में स्टडी में 1 हजार सैंपल का अध्ययन किया।