जानिए पेचिश दूर करने के उपाय
पेचिश की समस्या आँतों में इन्फ्लमेशन (inflammation; शरीर की अपने को चोट या संक्रमण से बचाने की प्रतिक्रिया पर होने वाले लक्षण) की वजह से शुरू होती है जिसकी वजह से डायरिया या मल करते समय खून या म्यूकस (mucus) आने लगता है और फिर इसमें धीरे धीरे पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होने लगता है। पेचिश डायरिया रोग के समान होता है लेकिन इसमें कुछ असमानताएं भी होती हैं। पेचिश बड़ी आंत या पेट में इन्फेक्शन के कारण होता है।
पेचिश के कुछ लक्षण में शामिल हैं मल में म्यूकस या खून आना, पेट के निचले भाग में तेज़ दर्द होना, बार बार मल के आने जैसा महसूस होना, कमज़ोरी आना, भूख न लगना, उल्टी और बुखार जैसी समस्याएं। लेकिन पेचिश में आराम पाने के लिए आप घर बैठे बैठे भी कुछ सरल घरेलू नुस्खों की मदद ले सकते हैं।
पेचिश का उपाय है छाछ –
सामग्री –
एक ग्लास छाछ।
एक चुटकी सेंधा नमक।
एक या दो चम्मच जीरा पाउडर।
एक या दो चम्मच काली मिर्च पाउडर।
विधि –
सबसे पहले ऊपर दी गयी सभी सामग्रियों को मिक्स कर लें।
अब इस मिश्रण को अपने आहार के साथ स्वाद से खाएं।
छाछ का कब तक करें इस्तेमाल –
इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार पियें। एक नाश्ते में और एक लंच में।
छाछ के फायदे –
छाछ पाचन क्रिया में सूजन से आराम दिलाता है और इन्फेक्शन का इलाज करने में मदद करता है। इस मिश्रण में मौजूद नमक दस्त से होने वाले डिहाइड्रैशन से बचाता है।
पेचिश का घरेलू नुस्खा है नींबू –
सामग्री –
दो नींबू।
200 मिलीलीटर पानी।
विधि –
सबसे पहले नींबू को टुकड़ों में काट लें और अब इन्हे गर्म पानी में कुछ मिनट के लिए उबालने को रख दें।
अब इस मिश्रण को छान लें और फिर मिश्रण को पी लें।
नींबू का कब तक करें इस्तेमाल –
इस मिश्रण को पूरे दिन में कई बार पीने की कोशिश करें।
नींबू के फायदे –
नींबू में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और ये पाचन क्रिया में होने वाले इन्फेक्शन का इलाज करते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो शरीर को पेचिश के लक्षणों को खत्म कर वापस से स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
पेचिश का घरेलू उपाय है केला –
सामग्री –
एक छिला हरा केला।
एक या दो कप छाछ।
विधि –
अब केले के गूदे को केले से निकाल लें।
फिर इस गूदे को मैश कर लें।
अब गूदे को छाछ में मिला दें।
फिर इस मिश्रण का सेवन कर लें।
केला का कब तक करें इस्तेमाल –
इस मिश्रण का सेवन पूरे दिन में एक बार ज़रूर करें और तब तक करें जब तक इसके लक्षण चले न जाएँ।
केला के फायदे –
ये पेचिश के लिए आसान लेकिन बहुत ही प्रभावी इलाज है। केला पोटेशियम से समृद्ध होता है और ये पेट में फटी एसिड के सिंथेसिस को उत्तेजित भी करता है। ये पेट की सूजी हुई लाइनिंग को आराम पहुंचाता है और डायरिया और पेचिश को दूर करता है।
पेचिश दूर करने के उपाय में करें दही का इस्तेमाल –
सामग्री –
दो चम्मच दही।
एक या एक चौथाई चम्मच हल्दी।
एक चुटकी हींग।
कुछ करी पत्ता।
एक चुटकी नमक।
पानी।
विधि –
दही, हल्दी पाउडर, हींग, करी पत्ता और पानी में नमक मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें और फिर इसे उबलने को रख दें।
उबलने के बाद ठंडा होने का इंतज़ार करें और फिर इस मिश्रण को पी जाएँ।
दही और हल्दी का कब तक करें इस्तेमाल –
इस मिश्रण को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें।
दही और हल्दी के फायदे –
हल्दी पाउडर शरीर के बाहर और अंदर के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। ये इन्फेक्शन का इलाज बहुत जल्दी करता है और पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है। दही में मौजूद माइक्रोबियल आंत और कोलन को संतुलित रखते हैं।
पेचिश को रोकने का तरीका है दूध और नींबू –
सामग्री –
एक कप ठंडा दूध।
आधे नींबू का जूस।
विधि –
जूस को ठंडे दूध में मिलाएं और जल्दी से पी जाएँ।
दूध और नींबू का कब तक करें इस्तेमाल –
पेचिश से राहत पाने के लिए इस मिश्रण को पूरे दिन में चार से पांच बार पियें।
दूध और नींबू के फायदे –
नींबू पेचिश और डायरिया का इलाज करने में मदद करता है। इसके एंटीमाइक्रोबियल गुण कोलोन इंफेक्शन का इलाज करते हैं।
पेचिश ठीक करने का उपाय है अदरक का पाउडर –
सामग्री –
एक या दो चम्मच अदरक पाउडर।
एक कप छाछ।
विधि –
अदरक के पाउडर को छाछ में मिला दें।
अब इस मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद पी जाएँ।
अदरक का पाउडर का कब तक करें इस्तेमाल –
इस मिश्रण को पूरे दिन में तीन से चार बार ज़रूर पियें।
अदरक का पाउडर के फायदे –
अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं। ये पेट के निचले क्षेत्र पर होने वाले दर्द में आराम पहुंचाते हैं और पाचन क्रिया को सुधारते हैं।