Know how this langur took 9 years railway job

इस लंगूर ने 9 साल की रेलवे की नौकरी जानिए कैसे

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि दुनिया में ऐसे बहुत सारे की चीजें होती हैं जिसे सुनकर आप चौंक जाते होंगे आज मैं आपके जैसे लंगूर के बारे में बताने वाले हैं जिसने रेलवे की 9 साल नौकरी कि उसने ऐसा कैसे किया गया कैसे संभव हुआ तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।

दोस्तों यह कहानी साउथ अफ्रीका के केप टाउन शहर के पास स्थित एक रेलवे स्टेशन से जिसका नाम है Uitenhage . बात सन 1870 के आस पास के समय की है। Uitenhage स्टेशन पर जेम्स वाइड नाम का एक सिग्नलमैन नौकरी किया करता था। जेम्स की एक बुरी आदत थी वो चलती रेल गाड़ियों के सामने स्टंट किया करता था। अपनी इसी आदत के कारण स्थानीय लोगों ने उसका नाम जम्पर रख दिया था। एक दिन स्टंट करने के दौरान वो एक हादसे का शिकार हो गया और उसके दोनों पैर कट गए।

जम्पर जब ठीक होकर नौकरी पर वापस लौटा तो उसको स्टेशन से अपने कॉटेज जाने आने और बहुत से काम करने में तकलीफ होने लगी। उसने लकड़ी के नकली पैर लगवा तो लिए थे लेकिन उसका चलना फिरना न के बराबर हो गया था।

एक बार नज़दीक के कस्बे में जाते समय जम्पर की नज़र एक लंगूर पर पड़ी जो एक गाड़ी हाँक रहा था। जम्पर ने उस लंगूर को उसके मालिक से खरीद लिया और अपने घर लेकर चला आया। जम्पर ने उस लंगूर का नाम जैक रखा। जम्पर और जैक अब साथ में रहने लगे और जैक जम्पर की लगभग हर काम में मदद करने लगा। वो उसके साथ स्टेशन पर जाता उसके हर काम को बहुत गौर से देखता और सीखने की कोशिश करता।

धीरे धीरे जम्पर जैक की सिग्नल बदलने में भी मदद करने लगा और एक समय ऐसा भी आया जब जम्पर के स्थान पर जैक सभी काम करने लगा। वो गाड़ियों की सीटी से उनको पहचान लेता और सिग्नल बदल देता। ये बात जब रेलवे के अधिकारीयों तक पहुँची तो उन्होंने जम्पर को तुरंत नौकरी से निकाल दिया।

बाद में जम्पर ने बड़े अधिकारियों से आग्रह किया कि वो जैक की परीक्षा लेकर देख ले वो इंसान से बेहतर काम करता है। रेलवे के अधिकारीयों ने जब जैक की परीक्षा ली तो वो उसकी प्रतिभा देखकर आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने अपने उच्च अधिकारीयों को इसकी सूचना दी। उच्च अधिकारीयों के आदेश पर जैक को रेलवे की नौकरी पर बतौर सिग्नलमैन रख लिया गया। उसको 20 सेंट्स प्रत्येक सप्ताह बतौर तनखाह और आधा लीटर बियर रोज़ दिया जाता था। अपने 9 साल की नौकरी के दौरान उसने एक भी गलती नहीं की। सन 1890 में टीबी की वजह से जैक की मौत हो गई।

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