जानिए परफेक्ट आइब्रो पाने के लिये माइक्रोब्लैडिंग का नया और आसान तरीका

आंखों की खूबसूरती के साथ भौहों की सुंदरता भी हमारे चेहरे का खास हिस्सा होती है। लेकिन अक्सर कुछ लड़कियों की आइब्रो कम होती हैं जिन्हें सही शेप देने के लिये वो डार्क पेंसिल का इस्तेमाल करती है। बैसे देखा जाय तो आज के समय में ऐसे बहुत से साधन उपलब्ध है जिसकी मदद से आप अपनी आइब्रो को मनचाहा शेप दे सकती है और इन बेहतर उपायो की मदद से आप अपनी आइब्रो को घना और मोटा बना सकती है। लेकिन आज हम आपको ऐसी मशीन के बारें में बता रहे है जिसकी सहायता से आप पतली आइब्रो को नैचुरल हेयर का सहायता से स्किन के अंदर इम्प्लांट करके आईब्रो को घना बना सकती है। जानें आइब्रो माइक्रोब्लेडिंग पद्धति के बारें में..

यह एक कॉस्मेटिक टैटू आर्ट प्रक्रिया है जिसमें एक सुई के द्वारा कुछ रंगों को एक मशीन से स्किन के अंदर इम्प्लांट किया जाता है। इस प्रक्रिया से नेचुरल हेयर को स्किन के अंदर डाला जाता है जिसके लिए एक मशीन का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को करने में कम समय लगता है।

माइक्रोब्लडिंग प्रक्रिया करने का तरीका..

इस प्रक्रिया शुरू करने से पहले आइब्रो को सही शेप दिया जाता है फिर गेप को भरा जाता है।
इसके बाद स्किन टोन को देखते हुये कलर चुने जाते है। फिर इसे एक-एक कर टैटू पेन से फेदर लुक देते हुए बालों को बनाया जाता है।
इस प्रक्रिया को करने के लिये आपको कई बार आना पड़ सकता है या नही भी। ये सब आपकी भौंह पर निर्भर करता है कि वो कैसी है।
माइक्रोब्लाडिंग के लिए जाने से पहले इन बातों को रखें खास ध्यान..

स्वच्छता का विशेष ध्यान दें: माइक्रोब्लडिंग प्रक्रिया को कराने से पहले उस जगह का साफ सुधरा होना काफी जरूरी होता है। इसलिये इन बातों का विशेष ध्यान भी रखना चाहिये। जिससे संक्रमण से बचा जा सके।

ट्रेनर का प्रशिक्षित होना: जब भी आप माइक्रोब्लडिंग प्रक्रिया के लिये जाये तो सबसे पहले इस बात का खास ध्यान रखें कि ट्रेनर को इसके बारें में पूर्ण जानकारी है या नही। उसका इस इस प्रक्रिया के बारे में गहराई से प्रशिक्षण होना चाहिए।

जिसे आधी जानकारी हो: आज के समय में लोग YouTube वीडियो के जरिये बहुत कुछ सीख जाते है लेकिन माइक्रोब्लडिंग प्रक्रिया के लिये इस आधी अधूरी जानकारी आवश्य नही है उसके लिये पूरी तरह से प्रशिक्षित होना चाहिये। इस बात का आप विशेष ख्याल रखें।

चिकित्सक के पास लाइसेसं का होना जरूरी है: जिस चिकित्सक के पास आप माइक्रोब्लडिंग कराने जा रहे है तो पहले जांच लें कि उसका लाइसेंस है या नही। एक स्थायी इलाज का बीमा होना चाहिये।

नमूने देखें: माइक्रोब्लडिंग के लिये जब आप आप जा रहे तो यह वहां उनके द्वारा दिखाई जाने वाली फोटों में आइब्रो के क्लोजअप को ना देखें बल्कि पूरे चेहरे को भी देखकर परखें कि उन्होनें स्कीन के टोन के अनुसार आइब्रों के हेयर लगाये है या नही। चेहरे व आइब्रों में उपयोग किये जाने वाले हेयर का रंग कैसा दिखता है।

डिस्काउंट को एवॉइड करें: यदि कोई व्यक्ति आपको माइक्रोब्लडिंग कराने में भारी छूट दे रहा है, तो उसके इस ऑफर से बचें। शायद कुछ गड़बड़ है। क्योकि इस प्रक्रिया में इस्तेमाल करने वाली चीजों की लागत काफी होती है।

आइब्रो माइक्रोब्लडिंग: ज्यादा डार्क नही होना चाहियेमाइक्रोब्लडिंग कराते समय इस बात को विशेष ध्यान रखें कि इसका आकार व रंग प्राकृतिक होना चाहिये। ज्यादा डार्क रंग काफी खराब नजर आ सकता है। उसे बालों की ग्रोथ के अनुसार बनाना चाहिये।

यह स्थायी की तरह है: माइक्रोब्लेडिंग की खास बात यह है इसका इलाज जोखिम भरा भी हो सकता है लेकिन यह मत सोचो कि यह अस्थायी है और अगर कुछ गलत होता है और आप माइक्रोब्लेडेड आइब्रो को हटाना चाहता है तो इसके लिए टैटू रिमूवल ट्रीटमेंट लिया जा सकता है।

यह एक परमानेंट इलाज होता है: माइक्रोब्लेडिंग परमानेंट इलाज होता है और दूसरे एक समय के बाद इंक का कलर फीका पड़ने लगता है जो कि चेहरे की शोभा बिगाड़ सकता है। ऐसे में बहुत सोच समझ कर सधे हुए हाथों से अपने चेहरे पर सूट करता हुआ टैटू करवाना चाहिए।

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