जानिये लाल किताब के अनुसार आपके पक्के घर में स्थित ग्रह तारों से युक्त होते हैं, आप कुंडली भी देख सकते हैं!

जिस तरह वैदिक ज्योतिष में एक कारक के रूप में ग्रहों का उपयोग भावना पर है, लेकिन लाल किताब में, हर भावना एक कारक है। लाल किताब के अनुसार, भावों के कारक ग्रहों के पक्के घर कहलाते हैं। लाल किताब में राशि का संकेत भाव की प्रधानता है, इसलिए इन ग्रहों का महत्व भी बढ़ जाता है। अत: प्रत्येक ग्रह को किसी न किसी का कारक माना गया है। लाल किताब में इसे ग्रहों के स्थायी घर के रूप में जाना जाता है। जानिए किस घर या घर को किस ग्रह का पक्का घर कहा जाता है।

पहले घर में सूर्य, दूसरे घर में बृहस्पति, तीसरे घर में मंगल, चौथे घर में चंद्रमा, पांचवें घर में बृहस्पति, छठे घर में बुध और केतु, सातवें घर में बुध और शुक्र, आठवें घर में मंगल और शनि, नौवें घर में बृहस्पति, दशम भाव में शनि, ग्यारहवें घर में बृहस्पति और बारहवें घर में बृहस्पति और राहु अपने पक्के घर में हैं।

लाल किताब का एक अन्य सिद्धांत यह है कि यदि कोई ग्रह नहीं है या किसी भी ग्रह की दृष्टि में नहीं है, तो इसे सो माना जाएगा लेकिन यदि ग्रह अपने पक्के घर में स्थित हो जैसे पहले घर में सूर्य, गुरु दूसरा घर। अन्यथा, हम उस ग्रह को पूरी तरह से जागृत होने पर विचार करेंगे, अर्थात वह ग्रह किसी दूसरे घर या ग्रह को अपने प्रभाव से प्रभावित करने में सक्षम होगा। इस दृष्टि से, पक्का घर का ग्रह लाल किताब में बहुत उपयोगी माना गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *