जानिए इन तीन जडी बूटी से शुगर पित्त खांसी का होगा नाश.
जामून को आयुर्वेद में बडा महत्व है इसके गुणधर्म मधुर खटा पाचक मलस्तभक रुक्ष रुचीकर है. इसके सेवन से पित अतिसार रक्तदोष सास शुगर जैसे बिमारी के लिये अत्यंत लाभ दायक है हमारे देश में शुगर का पेसेंट हर घर में पाया जाता है. उनके लिये जामून एक वरदान से कम नहीं.
शुगर जैसे घातक बिमारी के लिये जामून के पेड की छाल उस छाल का चूर्ण बनाकर रोज सुबह एक चमच खाली पेट 31 दिन खाने से पित अतिसार रक्तदोष कफ और शुगर जैसी बिमारीया कंट्रोल में रहती है. विशेष जामून के पेड की कच्छी छाल का रस दुध में गरम करके पिने से शुगर तुरंत कम होने लगती है. ताजे जामून खाने से शुगर बडने का डर नहीं रहता.
अनार की छाल और पत्ते इसके गुणधर्म तुरट खटा मधुर तप्तीकार स्निग्ध दीपन उष्ण रुचीकर लघुअग्निदीपक है. इसके सेवन से डायबेटीज खांसी मुखरोग कंठरोग पित जैसी बिमारी का नाश होता है. खांसी जैसे बिमारी को रोखने के लिये अनार के पेड की छाल का चूर्ण शहद में खाने से तुरंत खांसी कम होती है. पित के बिमारी को रोखने के लिये अनार के पत्तो का रस पिने से पित कम होता है डायबेटीज जैसे बिमारी को कंट्रोल करने के लिये अनार के पत्ते पानी में उभालकर पानी ठंडा करे और वह काडा सुबह शाम अदा कफ पिने से डायबेटीज जैसी बिमारी कंट्रोल में रहेगी.
धाय के फुल और उसके गुणधर्म तिखा शितल तुरट मादक कडवा है. धाय के फुलो का काडा तीन दिन सुबह एक चमच पिने से शुगर जैसी बिमारी कंट्रोल में रहती है या धायटी के फुलो का चूर्ण अलसी के तेल में मिक्स करके सुखे रोटी के साथ सुबह खाने से पित खासी जैसी बिमारी हमेशा के लिये कम होगी.