जानिए घर या ऑफिस में नींबू मिर्च बांधकर लटकाने से हो सकते है ये प्रभाव..

हमारी भारतीय संस्कृति पौराणिक मान्यता, और दैवीय शक्तियों से ओतप्रोत होने वाली प्राचीन सभ्यता है। जिसमें लोग इन्ही आस्थाओं में बंधकर अपनी आस्था और परंपरा को मर्यादा में रखकर खुशहाल एवं संपन्न जीवन यापन करते है। और ऐसी पौराणिक मान्यतो के महत्व को समझकर अपने जीवन में शामिल करना हमारी परंपरा रही है। सदियों से हम अपने खुशहाल जीवन को बनाये रखने के लिये नकारात्मक चीजों को दूर करने का प्रयास करने के लिये कुछ ऐसे काम करते हैं। जिसे हमारे सामाज में इसे टोटकों के रूप में जाना जाता है। इन्ही टोटकों में से एक है नींबू और मिर्च को धागे में बांधकर प्रवेश द्वार पर लटकाना। आप सभी अपने घरों और दुकानों के प्रवेश द्वार पर नींबू और मिर्च लटकाने की परंपरा का अनुसरण करते हैं परंतु इसके पीछे रहस्य के बारे में क्या आप जानते हैं की आखिर इसे क्यों लटकाया जाता है।

नींबू
व्यापार में होता है विस्तार
घरों या ऑफिस में नींबू और मिर्च लटकाने से खुशहाली बढती है साथ ही व्यापार में आने वाली सभी बधायें दूर होती है लेकिन इस तथ्य का बैज्ञानिक कारण यह है कि घऱ में नीबू लटकाने से यह नकारात्मक उर्जा को नष्ट करके सकारात्मक उर्जा का प्रवाह करता है जो आपके जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है। इसलिये इसे हमेशा मुख्य द्वार पर लटकाना शुभ माना गया है।

नींबू और मिर्च लटकाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि आपके घर के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा सक्रीय नहीं हो पाती। जिससे सकारात्मक ऊर्जा को बल मिलता है।

जैसे आपके सुंदर घर को कोई एकटक नजरे गढ़ाये हुये देखता है तो नींबू और मिर्ची पर नजर पड़ते ही उसका ध्यान भंग हो जाता है क्योकि उस दौरान उसको नींबू की खटाई और मिर्ची का तीखापन याद आ जाता है और इससे उसका ध्यान हट जाता है। जिससे आपके घर की बुरी नजर से रक्षा हो जाती है।

सकारात्मक उर्जा का प्रवाह
घर या दुकान के मुख्य द्वार पर नींबू और मिर्च लटकाने से बाहर से आने वाली नकारात्मक उर्जा का विनाश होता है और घर में सकारात्मक उर्जा प्रवेश करती है। यह सकरात्मक उर्जा आपके परिवार और घर में सुख-समृद्धि का संचार करती है तथा व्यवसाय में विस्तार होता है।

इसके पीछे का कारण जुस तरह से कोई आपके घरों और दुकानों के बारें में गलत धारणा बनाते हुये देखता है तो नीबू और मिर्च के बांधने से यह नकारात्मक उर्जा ये टोटके अपनी ओर अवशोषित कर लेते है जिससे साकारात्मक उर्जा का संचार होता है।

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