जानिए कंपाउंड एक्सरसाइज के फायदे

कंपाउंड ऐसा अभ्यास है जिसमें एक ही वक्त में कई मांसपेशियों के समूहों का व्यायाम हो जाता है। प्रारंभिक स्तर के बॉडीवेट एक्सरसाइज और वेट-ट्रेनिंग के कुछ व्यायाम भी कंपाउंड एक्सरसाइज की श्रेणी में आते हैं, क्योंकि इन अभ्यासों के दौरान भी एक समय में कई मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है। इन व्यायामों के कई लाभ हो सकते हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।

समय की बचत : कंपाउंड व्यायामों को प्रयोग में लाने से आप कई तरह के लाभ के साथ अपना समय भी बचा सकते हैं। जिमों में जब आप किसी एक मांसपेशी समूह को लक्षित करते हुए व्यायाम करते हैं तो उसमें एक घंटे से भी अधिक का वक्त लग जाता है, वहीं आप कंपाउंड एक्सरसाइज के माध्यम से कम वक्त में ज्यादा मांसपेशियों के समूहों का व्यायाम कर सकते हैं।

अधिक भार उठाने की स्वतंत्रता : कंपाउंड लिफ्ट व्यायाम में एक ही समय में शरीर की कई मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न किया जा सकता है। उदाहरण के लिए सिर्फ हाथ की मांसपेशियों के लिए किए जाने वाले डंबलकर्ल व्यायाम में जितना भार उठाते हैं, इस व्यायाम में उससे अधिक भार उठाकर कई मांसपेशियों को उतने ही समय में सक्रिय कर सकेंगे।

मांसपेशियों में वृद्धि : कंपाउंड एक्सरसाइज के दौरान चूंकि आप भारी वजन उठा सकते हैं, इससे मांसपेशियों की वृद्धि अन्य व्यायामों के अपेक्षाकृत अधिक होती है।

ज्यादा कैलोरी बर्न : एक ही समय में शरीर की विभिन्न मांसपेशियों के समूहों को लक्षित करके निर्धारित समय में अधिक कैलरी बर्न किया जा सकता है। इन व्यायामों के दौरान वजन उठाकर मांसपेशियों और मेटाबॉलिज्म में वृद्धि का भी अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

दिल को बनाता है मजबूत : एरोबिक व्यायामों से अपेक्षाकृत कम समय में कंपाउंड व्यायामों को करते हुए आप हृदय और फेफड़ों की क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं।

लचीलेपन में वृद्धि : कंपाउंड का एक अभ्यास करते हुए शरीर के कई जोड़ों का भी व्यायाम हो जाता है। इससे घुटने, कोहनी, कंधे और कूल्हों के जोड़ों की शक्ति में वृद्धि होती है और शरीर में लचीलापन आता है।

बेहतर समन्वय : एक ही व्यायाम में शरीर के कई हिस्सों को शामिल करने से शरीर की गतिविधियों में समन्वय भी अच्छा बना रहता है। इससे आंखों और हाथ के समन्वय में सुधार होता है साथ ही शरीर में संतुलन और स्थिरता बनी रहती है।

कंपाउंड एक्सरसाइज के प्रकार –
जिस किसी भी व्यायाम के दौरान एक ही समय में एक से अधिक मांसपेशियों के समूह सक्रिय अवस्था में आएं, वह कंपाउंड व्यायाम है। मोटे तौर पर, कंपाउंड व्यायाम वजन के साथ या बिना वजन के भी किए जा सकते हैं। दोनों के ही अपने-अपने फायदे हैं।

कंपाउंड बॉडीवेट एक्सरसाइज –
जो लोग जिम नहीं जा पा रहे हैं, उन्हें भी सप्ताह में दो से तीन दिन वेट ट्रेनिंग के साथ एरोबिक ट्रेनिंग की सलाह दी जाती है। ऐसे लोग बॉडीवेट एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। इन अभ्यासों के 10-12 रैप के तीन सेट किए जा सकते हैं। ऐसे ही कुछ बॉडीवेट एक्सरसाइज नीचे दिए जा रहे हैं, जिन्हें करके आप ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

पुश-अप्स

शरीर के कई हिस्सों के लिए बेहद प्रभावी बॉडीवेट अभ्यासों में से एक है पुश-अप्स। वैसे तो इस व्यायाम की कई विविधताएं हैं, लेकिन सबसे सरलतम रूप से किए जाने वाले व्यायाम का एक रूप आज भी फिटनेस प्रेमियों के बीच पसंदीदा बना हुआ है। चूंकि, यह व्यायाम कहीं भी किया जा सकता है, इसलिए इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है।

कैसे करें यह व्यायाम

पैरों को सीधा करते हुए पेट के बल फर्श पर लेट जाएं। अपनी हथेलियों को कंधों के दोनों ओर रखें।
अब जमीन पर दबाव डालते हुए शरीर को तब तक ऊपर की ओर उठाएं जब तक कि दोनों कोहनियां बिल्कुल सीधी न हो जाएं।
अब केवल आपके हाथ और पैर की उंगलियां ही जमीन पर होनी चाहिए। सिर से पैरों तक पूरा शरीर एक सीधी रेखा में रखें।
अब अपनी कोहनी को मोड़ते हुए शरीर को नीचे लाएं, फर्श से कोई स्पर्श नहीं होना चाहिए। यह एक रैप है।

पुल-अप्स

यह सबसे कठिन बॉडीवेट अभ्यासों में से एक है। पुल-अप्स के दौरान अपने शरीर को सिर्फ हाथों की मदद से ऊपर की ओर उठाना होता है। इस व्यायाम के दौरान एक ही समय में शरीर की कई मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होता है, ऐसे में यह एक बेहतरीन कंपाउंड एक्सरसाइज है। इस व्यायाम को कई सारी विविधताओं के साथ भी कर सकते हैं। इस व्यायाम का सबसे निम्नस्तरीय अभ्यास भी काफी कठिन होता है ऐसे में इसे करते वक्त काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

अपने सिर के ऊपर की ओर लगे एक समानांतर या पुल-अप बार के नीचे खड़े हो जाएं।
अब हाथों से बढ़िया ग्रिप बनाते हुए बार को पकड़ें। आपके हाथ कंधे की चौड़ाई से थोड़ी दूरी पर होने चाहिए।
हाथों पर जोर लगाते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचिए और छाती को बार से स्पर्श कराएं।
ऊपर की ओर पहुंचने के लिए झटके के साथ कूदें नहीं। शरीर को धीरे-धीरे ऊपर ले जाएं।
अब धीरे-धीरे नीचे वापस प्रारंभिक स्थिति में आएं। यह एक रैप है।

डिप्स
डिप्स भी एक ऐसा ही व्यायाम है, जिसमें शरीर को जमीन से ऊपर उठाते वक्त आपकी क्षमता का परीक्षण होता है। डिप्स अभ्यास के जरिए ऊपरी शरीर की सभी मांसपेशियों में वृद्धि की जा सकती है। इस अभ्यास के लिए आपको समानांतर लगे दो बार की आवश्यकता होगी, जिनकी मदद से शरीर को ऊपर की ओर खींचा जा सके।

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