जानिए जिग-जैग रॉड प्रीचर कर्ल व्यायाम करने के फायदे

अधिकतर भारतीय जिम में जिग-जैग रॉड को गलत नाम से बुलाया जाता है। दरअसल इसका असली और सही नाम है ई-जेड रॉड है। इसका इस्तेमाल बाइसेप्स को मजबूत और बड़ा बनाने के लिए किया जाता है। इस उपकरण का उपयोग प्रीचर बेंच या खड़े होकर किया जा सकता है। आपको यह रॉड हर जिम में आसानी से देखने को मिल जाएगी।

ई-जेड रॉड से प्रीचर बेंच पर अभ्यास करने से बाइसेप्स को अत्यधिक मजबूत और बड़ा आकर मिलता है। इस व्यायाम को करते समय केवल एक जोड़ और कुछ मांसपेशियां सक्रिय होती हैं जिसमें आपके डोले प्रमुख होते हैं। बाइसेप्स के लिए प्रीचर बेंच पर डंबल कर्ल्स या बारबेल कर्ल्स के मुकाबले ई-जेड बाइसेप कर्ल अधिक प्रभावशाली होती है।

यदि आपने कभी यह व्यायाम नहीं अपनाया है तो आप देखेंगे कि आप स्टैंडिंग बाइसेप्स कर्ल में जितना वजन उठा पाते हैं उतना प्रीचर बेंच पर नहीं उठा पाएंगे। दरअसल ऐसा बांहो के लॉक होने के कारण होता है।

प्रीचर बेंच पर आपकी ऊपरी बांह और कंधे एक सीध में एक आरामदायक आसन पर होते हैं, जिसकी वजह से किसी भी मसल ग्रुप पर अनावश्यक तनाव नहीं पड़ता है। जिम में आपने कई लोगों को स्टैंडिंग बाइसेप्स कर्ल करते समय शरीर की मांसपेशियों और कोहनियों को मोड़ते देखा होगा, जबकि प्रीचर बेंच में इन अनावश्यक गतिविधियों की कोई जरूरत नहीं होती है।

जिग-जैग रॉड प्रीचर कर्ल के फायदे

प्रीचर कर्ल्स का सबसे बड़ा फायदा होता है इस व्यायाम के दौरान रॉड को नीचे ले जाने वाली गतिविधि में। रॉड नीचे ले जाते समय बाइसेप्स पर अत्यधिक तनाव पड़ता है जिससे मसल बढ़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रीचर कर्ल करते समय अधिक गलतियों की गुंजाईश नहीं बचती है जैसे हाथों को हवा में हिलाना या कोहनियों का शरीर को छूना।

ई-जेड रॉड बाइसेप्स को ट्रेन करने के लिए सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है। खासतौर पर प्रीचर बेंच के साथ, इस गतिविधि से आपकी कलाइयों पर अनावश्यक तनाव नहीं पड़ता है और हाथों को एक अच्छी ग्रिप भी मिलती है।

इस व्यायाम का केवल एक ही नुकसान है। इस एक्सरसाइज को घर या जिम के अलावा कही पर भी करना मुश्किल होता है। हालांकि, इसमें इस्तेमाल होने वाले उपकरण केवल जिम में ही उपलब्ध होते हैं।

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