जानिए अस्थमा रोगी के लिए व्यायाम करने के लाभ

यदि किसी व्यक्ति को शारीरिक गतिविधि की वजह से अस्थमा का अटैक आता है, तो ऐसे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए। ऐसे में एक्सरसाइज कितनी मात्रा में करनी चाहिए, इस बारे में डॉक्टर ही सही परामर्श दे सकते हैं। सामान्य मामलों में वे सांस लेने से जुड़ी मांसपेशियों को मजबूत करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए हल्की मात्रा में एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।

अस्थमा का दौरा अचानक आता है और अगर उचित संसाधन न हों, तो इस समस्या से निपटना मुश्किल हो सकता है। आमतौर पर डॉक्टर अस्थमा के रोगियों को हल्की शारीरिक गतिविधि करने की सलाह देते हैं, क्योंकि पूरी तरह से शारीरिक गतिविधि को रोकने से किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल और व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।

अस्थमा के कारण फेफड़े कमजोर हो सकते हैं, लेकिन नियमित रूप से की गई एक्सरसाइज के जरिए रोगी के फेफड़ों का स्वास्थ अच्छा बना रहता है। इसके अलावा कुछ अन्य प्राथमिक लाभ भी हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं :

मजबूत फेफड़े : अस्थमा की स्थिति में वायुमार्ग सिकुड़ जाता है, ऐसे में हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। यह वायु मार्ग को खुला रखने और रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। एक्सरसाइज फेफड़े और हृदय की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। नियमित रूप से व्यायाम करने से स्टेमिना (आंतरिक बल) में भी सुधार आता है, जिससे रोगी अपने लक्षणों के प्रति अधिक सहनशील बन पाता है।
वजन का संतुलन : नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। इसके अलावा मांसपेशियों का विकास और चयापचय में भी सुधार लाता है। जब रोगी का वजन नियंत्रित रहता है, तो इससे सांस लेने में कठिनाई होने का खतरा कम हो जाता है।
स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली : जो व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करता है, उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ रहती है, जिस कारण संक्रमण होने का जोखिम कम हो जाता है। यह स्वास्थ की नजर से महत्वपूर्ण है, क्योंकि संक्रमण के कारण अस्थमा ट्रिगर हो सकता है।
तनाव कम करने में मददगार : चिंता और तनाव अस्थमा के अटैक को ट्रिगर कर सकते हैं। ऐसे में व्यायाम व्यक्ति के मूड को अच्छा बनाए रखने में मदद करता है, जिस कारण व्यक्ति चिंता और तनाव से दूर रहता है।​

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