जानिए नाक छिदवाने के लाभ

भारत में महिलाओं की नाक छिदवाना एक अहम परंपरा मानी जाती है। लेकिन मंगलसूत्र की तरह नाक में बाली या नथ पहनने पर किसी प्रकार का सख्त नियम नहीं है। शादीशुदा और कुंवारी कोई भी लड़की इसे पहन सकती है। आज के दौर में कई महिलाएं फैशन के चलते भी नाक में बाली पहनना पसंद करती हैं। नाक की बाली या नथ अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग डिजाइन में पहनी जाती है और इसको उस समुदाय या क्षेत्र की पंरपरा से जोड़कर देखा जाता है। नाक और कान छिदवाने की परंपरा भारत सहित दुनियाभर के अन्य देशों में भी प्रचलित है। इस परंपरा को सदियों आगे बढ़ाया जा रहा है।

नाक छिदवाने के फायदे –
हमारे देश के नाक छिदवाने को परंपरा और संस्कृति से जोड़कर देखा जाता है। भारत की महिलाओं के अलावा दुनियाभर के कई समुदायों में महिलाओं और पुरूषों की नाक छिदवाने की परंपरा मौजूद है। नाक छिदवाने का सकारात्मक पहलु यह है कि इससे सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। कई वैज्ञानिक समूहों में कान और नाक को छिदवाना रोगों को सही करने की वैकल्पिक प्रक्रिया के तौर माना जाता है। इसको सुइयों की मदद से मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रोगों को ठीक करने वाली एक्यूपंक्चर पद्धति के अंतर्गत रखा जाता सकता है। नाक छिदवाने से होने वाले फायदों को नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

मासिक धर्म का दर्द कम होता है –
आयुर्वेद के अनुसार नाक के नथुने की खास जगह पर छेद करने से महिलों को मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द कम होता है। इस वजह से लड़कियां और महिलाएं नाक में बाली पहनती हैं।

प्रजनन अंगों के लिए महत्वपूर्ण होता है –
नाक का बाएं नथुने की कई नसें महिला के प्रजनन अंगों से जुड़ी होती हैं। इस तरह से बाएं नथुने की सही जगह पर छेद करने और बाली पहनना बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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