कोरोना महामारी से मृत्यु होने वाले लोगो में जानिए आखिर क्या थे उनमें कॉमन फैक्टर
आपको बताते चलें कि कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों को लक्षणों के आधार पर अलग-अलग ट्रीटमेंट दिया जा सकता है। कोरोना के मृतकों में समानताएं काफी हद पाई गई। कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या में 72.9% पुरुष थे। इन सभी लोगों की औसत उम्र 65.8 थी। वहीं ज्यादातर लोगों को हार्ट डिसीज और डायबिटीज की समस्या थी। साथ ही रिस्क ग्रुप में 50 से ज्यादा लोग थे जिन्हें हाइपरटेंशन की समस्या यानी हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी हार्ट डिसीज और डायबिटीज की समस्या थी।
कोरोना के मरीजो को उपचार के दौरान एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और ग्लुकोकोर्टिकोइड्स आदि दिए गए। साथ ही इंटरफेरॉन अल्फा -2 बी, इम्युनोग्लोबुलिन आदि का भी प्रयोग किया गया।ये सभी शरीर में एंटीबॉडी को बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। ये बात भी साफतौर पर डॉक्टर्स को समझ आ चुकी थी कि कोरोना के पेशेंट में एंटीबॉडी का कोई भी असर नहीं हो रहा था।
शोध के दौरान ये बात भीका सामने आई कि ज्यादातर लोगों में सांस संबंधि तकलीफ संक्रमण के तुरंत बाद नजर नहीं आए बल्कि मौत से कुछ पहले ही लोगों को सांस लेने में अधिक तकलीफ महसूस हुई। ज्यादातर लोगों में लो eosinophils की समस्या भी सामने आई थी।
मुख्य रूप से कोरोना के मृतकों में समानताएं जो भी पाई गई, वहीं सब बातें मौत का आंकड़ा बढ़ने साथ भी नजर आ रही है। फिलहाल लोगों को इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय के बारे में जानकारी दी जा रही है और साथ ही सावधान रहने की सलाह भी दी जा रही है।