जानिए हुक्का पीने के नुकसान
सिगरेट से ज्यादा जहरीला होता है हुक्का पीना। कई रिसर्च इसका दावा भी कर चुके हैं कि, हुक्का पीने के नुकसान में सबसे बड़ा कारण कैंसर का जोखिम हो सकता है। हुक्का पीने वाले लोगों में फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर, दिल की बीमारियां जैसे गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
सामान्य तौर पर हुक्का पीने का एक सेशन 30 से 40 मिनट तक का हो सकता है। इस दौरान हुक्का पीने वालों के फेफड़ों में 100 से 200 सिगरेट बराबर धुआं जाता है। इसके अलावा सिगरेट के मुकाबले हुक्का पीने में अधिक गहराई से सांस लेनी होती है, जिसका मतलब है फेफड़ों में और अधिक धुंआ जाना।
हुक्का चाहे अकेले में पीएं या ग्रुप के साथ, उससे पहले भी उसी हुक्के का इस्तेमाल कई अन्य लोगों द्वारा किया जा चुका होता है। जो संक्रमित बीमारियों, जैसे- ट्यूबरक्लोसिस (टीबी), हेपेटाइटिस और हर्पीस वायरस के जोखिम को बढ़ाता है।
हुक्का न सिर्फ पीने वाले के लिए बल्कि, उसके आस-पास बैठ लोगों के लिए जखिम भरा हो सकता है। हुक्के के धुएं में कई अलग-अलग तरह के रसायन होते हैं जिसके कारण धमनियां ब्लॉक हो सकती हैं जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकता है।