जानिए थायराइड कम करने के असरदार घरेलू उपाय
थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो एडम एप्पल के ठीक नीचे गर्दन में स्थित होती है। इसे मुख्य ग्रंथि के रूप में जाना जाता है जो शरीर की ऊर्जा और चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करती है। जब थायरॉयड अत्यधिक सक्रिय हो जाती है और थायरोक्सिन हार्मोन की अत्यधिक मात्रा में उत्पादन करने लगती है तो इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। (और दूसरी तरफ, थायरोक्सिन हार्मोन के कम मात्रा में उत्पादन को हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है)
हाइपरथायरायडिज्म के सामान्य कारणों में शामिल हैं ऑटोइम्यून डिसॉर्डर जिसे ग्रेव्स रोग कहा जाता है साथ ही थायरॉयड ग्रंथि की सूजन, थायरॉयड हार्मोन का असामन्य स्राव, आयोडीन का अत्यधिक सेवन या थायरॉयड में सौम्य गांठ या नोड्यूल आदि शामिल हैं। हाइपरथायरॉडीजम किसी को भी हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ये स्तिथि आठ गुना अधिक होती है। यह 30 की उम्र की शुरुआत में ही विकसित होने लगती है लेकिन इसके लक्षण 60 से अधिक महिलाओं में ज़्यादा सामान्य हैं।
कई तरह के संकेत हाइपरथायरोडिज़्म के लक्षणों को बताते हैं जैसे वज़न का घटना, अनियमित दिल की धड़कन, घबराहट, अत्यधिक पसीना, मासिक धर्म चक्र में बदलाव, गर्दन के आधार पर सूजन, थकान, मांसपेशियों की कमजोरी और सोने में कठिनाई महसूस होना आदि शामिल हैं। हाइपरथायरायडिज्म के कई लक्षण अन्य स्थितियों के लिए भी बहुत आम है। इसलिए समस्या को जल्द पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है।
थायराइड से बचने का उपाय है बुगलेवीड –
बुगलेवीड जड़ी बूटी को लीकोपसविर्जिनिका भी कहा जाता है। यह हल्के हाइपरथायरायडिज्म का इलाज करने में मदद करता है। यह जड़ी बूटी विशेष रूप से थायराइड द्वारा उत्पादित हॉर्मोन की मात्रा को कम करती है।
अध्ययनों से पता चला है कि यह टीएसएच और थायराइड हार्मोन संश्लेषण के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह टी 4 के स्तर को कम करता है और टी 4 से टी 3 के रूपांतरण को रोकता है।
बुगलेवीड का कैसे करें इस्तेमाल –
हर्बल टी बनाने के लिए एक या आधा चम्मच बुगलेवीड को एक कप गर्म पानी में डालें। अब इसे कुछ मिनट के लिए उबलने को रख दें। कुछ मिनट बाद मिश्रण को छान लें और ठंडा होने के लिए रख दें। अब इस मिश्रण का इस्तेमाल पूरे दिन में एक बार ज़रूर करें।
इसके अलावा आप इस जड़ी बूटी को लेमन बाम और मदरवोर्ट के साथ भी ले सकते हैं। यह मिश्रण आपके हाइपरथायरायडिज्म के उपचार के लिए अत्यधिक प्रभावी होगा।
नोट – हाइपोडायरायडिज्म या बढ़े हुए थायरॉयड ग्रंथि के लिए इस जड़ी-बूटियों का उपयोग न करें। इसके अलावा, यह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं है।
थायराइड कम करने का उपाय है लेमन बाम –
लेमन बाम को मेलिसा ओफिसिनलिस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी जड़ी बूटी है जो टीएसएच स्तर को कम करके थायरॉयड को सामान्य करने में मदद करती है। इसमें फ्लेवोनोइड, फेनोलिक एसिड और अन्य उपयोगी यौगिक शामिल हैं जो थायराइड को नियंत्रित करते हैं।
इसके अलावा ये एंटीबॉडी की गतिविधि को रोकता है जिससे थायरॉयड ग्रंथि उत्तेजित होती है और ग्रेव रोग का कारण बनती है जो कि हाइपरथायरॉडीजम का एक सामान्य रूप है। अपनी थायरॉयड गतिविधि को स्वस्थ स्तर पर रखने के लिए नींबू बाम चाय पियें।
लेमन बाम का कैसे करें इस्तेमाल –
एक कप गर्म पानी में नींबू बाम के दो चम्मच मिलाएं।
पांच मिनट के लिए उसे उबलने के लिए रख दें।
अब इस मिश्रण को छान लें और पूरे दिन में तीन बार ज़रूर पियें।
आप इस मिश्रण का उपयोग कुछ कम खुराक के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे पहले आधा फिर एक चम्मच फिर धीरे धीरे दो चम्मच तक बढ़ा सकते हैं।
थायराइड कम करने का घरलू उपाय है मदरवोर्ट –
मदरवोर्ट जड़ी बूटी को लीयोनुरस कार्डियाका भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक बीटा-अवरोधक के रूप में कार्य करता है और टेकीकार्डिया (उच्च हृदय गति) और धड़कनों को नियंत्रित करने में सहायता करता है। इसमें मौजूद थाइरोइडरोधी गतिविधि हाइपरथाइरोड स्थितियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होती है।
मदरवोर्ट का कैसे करें इस्तेमाल –
एक कप गर्म पानी में एक या आधा चम्मच मदरवोर्ट की डालें और पांच मिनट के लिए उबलने को रख दें। पांच मिनट के बाद इस मिश्रण को छान लें और ठंडा होने के लिए रख दें।
अब इस चाय को पूरे दिन में तीन बार ज़रूर पियें।
यह ध्यान रहें अगर आप किसी भी प्रकार की दवाई ले रहें हैं तो इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल न करें।
थायराइड खत्म करने का उपाय है ओमेगा 3 फैटी एसिड –
अगर आपके शरीर को पर्याप्त ओमेगा -3 फैटी एसिड नहीं मिल रहा है तो हार्मोनल असंतुलित हो सकता है जिसमें थायराइड हार्मोन शामिल हैं। ये आवश्यक फैटी एसिड हार्मोन के लिए बिल्डिंग ब्लॉक हैं जो प्रतिरक्षा फंक्शन और सेल की वृद्धि को नियंत्रित करते हैं।
आप अपने आहार में ओमेगा -3 फैटी एसिड की मात्रा को और अधिक मछली, फ्लेक्ससीड्स और अखरोट आदि को खाकर बढ़ा सकते हैं।
थायराइड कम करने में सहायक है ब्रोकली –
ब्रोकोली एक क्रूसीफेरस सब्ज़ी है जिसमें आइसोथियोसाइनेट्स और गोईट्रोजन्स नामक पदार्थ होते हैं जो थायरॉयड को बहुत अधिक हार्मोन बनाने से रोकते हैं। इसलिए हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को जितनी ज्यादा हो सके बिना पके ब्रोकोली खाने की कोशिश करनी चाहिए।