जानिए स्तनपान के दौरान बर्थ कंट्रोल करने का सही तरीका
अगर मां गर्भनिरोधक गोलियां लेना शुरू करती है, तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन बनने लगते हैं और ब्रेस्ट मिल्क में कमी आ जाती है। तो कहा जा सकता है कि स्तनपान खुद में भी एक बर्थ कंट्रोल है।
गर्भधारण से बचने के लिए स्तनपान के दौरान आप गर्भनिरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस इंजेक्शन का नाम डिपो मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रॉन एसीटेट है।
आईयूडी का पूरा नाम इंट्रा यूटेराइन डिवाइस है। आईयूडी आकार में छोटा और पेपर क्लिप जैसा होता है। इसे लोग कॉपर-टी के नाम से भी जानते हैं। ये प्लास्टिक का बना होता है और इस पर कॉपर का तार लिपटा रहता है। साथ ही इससे एक धागा निकला रहता है। आईयूडी से आप लगभग तीन से पांच साल तक अपनी योनि में रख सकती हैं।
सेफ सैक्स के लिए अधिकतर लोग कंडोम का इस्तेमाल बेस्ट मानते हैं। यह एक रबड़ का बना सबसे सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय है
एक माह रक्तस्राव के बाद मां को आने वाले कुछ माह (लगभग पांच या छह महीने) तक माहवारी नहीं आती है। जिससे गर्भधारण होने का जोखिम कम हो जाता है।
स्तनपान के दौरान 70 फीसदी गर्भधारण न करने की संभावना होती है। लेकिन, 30 प्रतिशत तक की संभावना होती है कि स्तनपान के दौरान मां को गर्भधारण हो सकता है। ऐसे में स्थाई उपाय यही है कि मां को डिलिवरी के तीन महीने के बाद से गर्भनिरोधक उपायों को अपनाना शुरू कर देना चाहिए