जानिए गर्भावस्था में चेहरे पर काले धब्बे का इलाज

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के चेहरे पर काले धब्बे और झाइयां आना जिसे मेलास्मा कहते हैं बेहद सामान्य सी बात है। इसे मास्क ऑफ प्रेगनेंसी के नाम से भी जाना जाता है। इसका मतलब ये नहीं कि सिर्फ गर्भवती महिलाओं को ही मेलास्मा होता है। किसी भी उम्र की महिला इससे प्रभावित हो सकती है और कई बार तो पुरुषों को भी यह समस्या हो सकती है।

मेलास्मा ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा का कुछ हिस्सा आसपास मौजूद बाकी की त्वचा की तुलना में गहरे रंग का हो जाता है। त्वचा के गहरे रंग का होने की इस समस्या को हाइपरपिगमेंटेशन भी कहते हैं और यह आमतौर पर चेहरे पर होता है और उसमें भी माथे पर (फोरहेड), गालों पर या होंठ के ऊपर वाले हिस्से (अपरलिप) पर। गहरे रंग का यह पैच चेहरे के दोनों तरफ बिलकुल एक जैसे पैटर्न में होता है और साथ ही इसका रंग टैन कलर से लेकर गहरे भूरे रंग तक का हो सकता है।

ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद जब हार्मोन्स का लेवल फिर से सामान्य हो जाता है तो मेलास्मा खुद ब खुद गायब हो जाता है। मेलास्मा को गायब होने और आपकी स्किन को फिर से पहले की तरह साफ और क्लीयर होने में डिलिवरी के बाद कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीने तक का वक्त लग सकता है। वैसी महिलाएं जो भारत जैसे देश में रहती हैं जहां का मौसम धूप से भरा है वहां पर मेलास्मा को ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है।

वैसी महिलाएं जो यूवी किरणों या स्टूडियो या फिल्म सेट पर मौजूद आर्टिफिशल रोशनी में ज्यादा काम करती हैं उनका भी मेलास्मा ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है। अगर आपको लग रहा है कि डिलिवरी के बाद मेलास्मा की समस्या ठीक नहीं हो रही या फिर अगर आप इसे लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर या डर्मेटॉलजिस्ट से बात करके यूवी ब्लॉकिंग क्रीम या सनस्क्रीन के बारे में पूछ सकती हैं। हालांकि अगर आप बच्चे को अपना दूध पिला रही हैं तो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इस तरह के इलाज की सलाह नहीं दी जाती है। धैर्य और सब्र रखना ही प्रेगनेंसी के दौरान और इसके बाद भी मेलास्मा को ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है।

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