जानिए कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए रखें इन बातों का रखे ध्यान
कार्डिएक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिल की धड़कन धीरे-धीरे कम होने लगती है और दमा जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। हार्ट एक्सपर्ट की मानें, तो इस समय अगर सही इलाज किया गया, तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है। हार्ट अटैक की स्थिति में इलाज संभव नहीं है, लेकिन कार्डिएक अरेस्ट होने पर इलाज किया जा सकता है।
हृदय की पंपिंग प्रकिया बाधित होने की वजह से हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े के साथ-साथ शरीर के दूसरे हिस्से में ब्लड सप्लाई नहीं होने की वजह से उनका निधन हो गया।
कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण
-सीने में दर्द
-सांस लेने में परेशानी
-चक्कर आना
–आंखों के सामने अंधेरा छाना
-बेहोश होना
–दिल की धड़कन का कम होना
एक्सपर्ट्स के अनुसार, कार्डिएक अरेस्ट उन लोगों में होने की ज्यादा संभावना होती है, जिन्हें पहले हार्ट अटैक आया हो। इसके अलावा, फैमली हिस्ट्री यानी परिवार में किसी को होने पर भी इसका खतरा हो सकता है। ऐसे में ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। दिल से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर हार्ट एक्सपर्ट से मिलना और सलाह लेना बेहतर होगा।