गणेश जी को विघ्नहर्ता क्यों कहा जाता है, जानिए
हर साल बडे जश्न के साथ मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का त्यौहार फिर से दस्तक देने को है। गणेश चतुर्थी इस साल 22 अगस्त को है और गणेश चतुर्थी हिंदूओं का दस दिन तक चलने वाला त्यौहार होता है जिसमें वो अपने देवता गणेश के जन्म तौर पर मनाते हैं। गणेश शंकर और पार्वती के बेटे हैं। जिन्हें 108 नामों से जाना जाता है। सभी देवताओं में सबसे पहले गणेश की ही पूजा की जाती है।
इसलिए कहते हैं विघ्नहर्ता
जब देवी पार्वती को इस सब के बारे में पता चला तो वो शिव जी से रूष्ट हो गई जिस पर शिव ने उन्हें गणेश का जीवन वापस लाने का वादा कर उस पर हाथी का सिर लगा दिया और इस तरह फिर से गणेश का जीवनदान मिला। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि देवताओं के अनुरोध करने पर शिव और पार्वती ने गणेश को बनाया था जिससे वो राक्षसों का वध कर सकें और यही कारण है कि उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।
यह पूजा करने के 4 मुख्य रिवाज होते हैं इसमें सबसे पहला रिवाज त्यौहार के पहले दिन घर में मूर्ति के स्थापन के साथ शुरू होता है इसके बाद गणेश के 16 रूपों की पूजा की जाती है। तीसरे रिवाज में गणेश की प्रतिमा को स्थानांतरित किया जाता है और इसके आखिरी रिवाज में इस प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है जिसे गणपति विसर्जन के रूप में मनाया जाता है।