Migrant laborer built quarantan center in Ganga's lap, know what was the reason

प्रवासी मजदूर ने गंगा की गोद में ही बना लिया क्वारंटान सेंटर, जानिए क्या थी वजह

लॉकडाउन के बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों व बसों से अब लागतार मजदूर अपने घरों तक पहुंच रहे हैं। अपने परिवार की सुरक्षा हेतु वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। कुछ ऐसी ही खबर बनारस से आई है।

जहां प्रवासी मजदूर ने बनारस के घाट पर ही अपना क्वारंटान सेंटर बना लिया हैं। बनारस से गाजीपुर रूट पर गंगा के किनारे कैथी गांव के पप्पू निषाद कुछ ही दिन पहले श्रमिक ट्रेन से गांव पहुंचे। लेकिन परिवार की सुरक्षा के लिए 14 दिन क्वारंटन करना जरूरी था, इसलिए पप्पू ने गंगा में किनारे बंधी पैतृक नाव पर शरण ले ली।

गांव के मित्र से बर्तन उधार लेकर पप्पू अब वहीं खाना पकाते हैं और पीने के लिए गंगा का पानी उपयोग करते हैं। पप्पू ने बताया कि यहां पर कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रहीं हैं। मेरे साथ अन्य 35 लोग आए, उन्हें 14 दिन घर से बाहर क्वारंटाइन रहना चाहिए था, लेकिन वे सब घर चले गए। जो गलत हैं।

वहीं गंगा रिसर्च सेंटर के संस्थापक प्रो. यू के चौधरी ने कहा कि गंगा का पानी खुद में प्राकृतिक सैनिटाइजर हैं। गंगा के पानी में बड़ी मात्रा में बैक्टिरियोफेज पाया जाता है.

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