शत्रु संपत्तियों के निपटारे और बेचने की तैयारी में मोदी सरकार
आधिकारिक आदेश के अनुसार, शत्रु संपत्ति कानून के तहत भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक विभाग के अंतर्गत आने वाली अचल शत्रु संपत्तियों के निस्तारण के लिए दो अन्य उच्चस्तरीय समितियां भी गठित की जाएंगी। एक समिति का नेतृत्व मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा और अन्य की सह-अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला करेंगे।
आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार गृह मंत्री शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के तहत वैकल्पिक तंत्र का गठन कर सकती है।
बता दें कि विभाजन के दौरान उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से सबसे अधिक लोगों ने पलायन किया है। पाकिस्तान गए लोगों से संबंधित 9,281 शत्रु संपत्तियों में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 4,991 संपत्तियां हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में 2,735 और दिल्ली में 487 संपत्तियां हैं। चीन गए लोगों से जुड़े 126 शत्रु संपत्तियों में मेघालय में 57 और पश्चिम बंगाल में 29 संपत्तियां हैं।
बंटवारे के दौरान देश छोड़ कर गए लोगों की संपत्ति सहित, 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत सरकार ने इन देशों के नागरिकों की संपत्तियों को सीज कर दिया था। इन्हीं संपत्तियों को शत्रु संपत्ति करार दिया गया है। भारत में पाकिस्तान के नागरिकों की 9,280 संपत्तियां और चीन के नागरिकों की 126 संपत्तियां हैं।