बालों को झड़ने से रोकने में मददगार है नीम
नीम के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो गंजेपन की समस्या को रोकने में मदद करते हैं। यह खोपड़ी में सोरायसिस के इलाज में प्रभावी साबित हो चुका है। सोरायसिस को छाल रोग नाम से भी जाना जाता है, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें खोपड़ी में सूजन के साथ लाल व पपड़ीदार चकत्ते हो जाते हैं।
नीम के तेल में पुनर्योजी गुण मौजूद होते हैं, जो तेजी से कोशिकाओं को विभाजित करने, बालों के रोम के विकास और उनके कार्यों को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इससे बालों के विकास में मदद मिलती है।
डैंड्रफ मैलेज्जिया नामक कवक के कारण होता है। शरीर में मौजूद नेचुरल ऑयल जो त्वचा को नम रखकर उसकी रक्षा करता है नीम के अर्क में पाए जाने वाले गेडिनिन और निंबिडोल जैसे रासायनिक यौगिकों में एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो रूसी की समस्या को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा नीम का तेल रूसी से होने वाली सूजन, खुजली और जलन को कम करने में मदद करता है।
शोध से पता चला है कि नीम के तेल में सिर के जूं को मारने की क्षमता होती है। जूं को खत्म करने में नीम के तेल का प्रभाव निर्धारित करने के लिए एक शोध किया गया था। इसमें पता चला है कि नीम के तेल से बने शैम्पू का इस्तेमाल करने से 20 मिनट के अंदर सभी जूं मर सकते हैं। नीम में कीटनाशक तत्व मौजूद होते हैं, जिसे एजेडिरैचिन कहा जाता है, यह जूं के विकास और प्रजनन को रोकने में मदद करने के साथ-साथ उन्हें मारता है। इसके अलावा नीम के तेल की गंध से जूं का दम घुटने लगता है। इस प्रकार नीम का उपयोग सिर के जूं के खिलाफ निवारक उपाय के रूप में भी किया जा सकता है।
नीम के अर्क में विभिन्न फैटी एसिड जैसे लिनोलेइक एसिड, ओलिक एसिड और स्टीयरिक एसिड होते हैं, जो बालों को घना करते हैं और सुलझे व सूखे बालों को चमक प्रदान करते हैं। यदि कोई व्यक्ति चाहे तो अपने नियमित शैम्पू में नीम के तेल को मिलाकर इस्तेमाल कर सकता है।
नीम के तेल में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो समय से पहले बालों को सफेद होने से रोकने में मदद करता है। हालांकि, बालों का समय से पहले सफेद होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यदि बाल सफेद होने का कारण हार्मोनल असंतुलन, सूरज की तेज रोशनी या अत्यधिक तनाव है, तो ऐसे में नीम का तेल अप्लाई करना फायदेमंद हो सकता है।