दुनिया की 4 सबसे खतरनाक मच्छरों की प्रजातियां

जीवों की वजह से दुनिया भर में होने वाली इंसानी मौतों का सबसे बड़ा कारण है मच्छर। मच्छरजनित रोगों से हर साल तकरीबन 10 लाख लोगों की मौत होती है। यह ऐसा जीव है जिसने दुनिया को परेशान कर रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मलेरिया रिपोर्ट 2017 के अनुसार , दक्षिण पूर्व एशिया में मलेरिया के सबसे ज्यादा 87 फीसदी मामले भारत में हैं। डब्ल्यूएचओ की अन्य रिपोर्ट के अनुसार 2015 में दुनिया भर में मलेरिया से 4.38 लाख लोगों की मौत हो गई थी। पिछले 30 वर्षों में डेंगू के मामले 30 गुना बढ़ गए हैं।

मच्छर की दुनिया भर में 3500 से ज्यादा प्रजातियां हैं, इसमे से 100 से अधिक खतरनाक हैं।

भारत में मच्छरों के 4 समूह एनोफ्लीज, वयूलेक्स ,एडीज़ और मैनसोनिया पाए जाते हैं।

एनोफ्लीज: भारत में इसकी कुल 58 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसकी पांच प्रजातियां खतरनाक मलेरिया की मुख्य वाहक हैं जो बीमारी फैलाती हैं।

एडीजः ये मच्छर पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। ये डेंगू और चिकुनगुनिया की बीमारी फैलाते हैं, जिनसे हर साल दुनिया भर में मौतें होती हैं। ये मुख्यतः दिन में काटते हैं।

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क्यूलेक्स: भारत में 240 प्रजातियां पाई जाती हैं। ये आमतौर पर अंडे देने के लिए स्थिर और मैले गड्ढे पसंद करते हैं। यह इंसेफलाइटिस व फाइलेरिया फैलाता है।

मैनसोनिया: यह समूह मुख्यत उष्णकटिबंधीय देशों में पाया जाता है। भारत में मुख्यत दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इनसे फाइलेरिया की बीमारी फैलती है।

मच्छर के काटने से ये रोग हो सकते हैं?

मच्छर वायरस, बैक्टीरिया और परजीवी को अपनी लार में ले जा सकते हैं। जब वे आपको काटते हैं, तो वे उन रोगजनकों को आपके शरीर में संचारित कर सकते हैं, जिससे गंभीर और यहां तक ​​कि जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।

उदाहरण के लिए, मच्छर मलेरिया, वेस्ट नाइल वायरस, डेंगू बुखार, पीला बुखार और कई वायरस हैं जो इंसेफेलाइटिस का कारण बनते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में मलेरिया दुर्लभ है, लेकिन यह दुनिया के कुछ हिस्सों में आम है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन टीट्रस्टड सोर्स के मुताबिक, 2015 में मलेरिया के 200 मिलियन से अधिक मामले सामने आए और मच्छरों ने उनमें से ज्यादातर को संक्रमित किया। यह मच्छरों को सबसे घातक बनाता है।

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