दुनिया के 5 सबसे चौंकाने वाले रहस्यमय में गड्ढे।

5)गुवेटमाला सिटी :-वर्ष 2007 में जमीन के अंदर से लोगों को अजीबोगरीब आवाज आने लगी। लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि आवाज आ कहा से रही है। कुछ दिन बाद जब सिटी के बीच में एक बड़ा सा गड्ढा पड़ा, तब वहां के लोगों को मालूम पड़ा के आवाज कहां से आ रही थी। सिटी के बीचो बीच इतना बड़ा गड्ढा अचानक से होने के कारण उसमें दो लोग गिरकर मर गए। और उसके तुरंत बाद आसपास के हजारों लोगों के घर खाली कर दिए थे। क्योंकि उन्हें यह डर लग रहा था कि के यह गड्ढा फिर से फैल ना जाए। कुछ लोगों का यह मानना था कि उस गड्ढे से शैतान बाहर निकलने वाला था।

4)डींन्स ब्लू होल :- वैसे तो इस जगह पर बहुत सारे गड्ढे हैं, लेकिन यह गड्ढा इनमें से सबसे बड़ा और सबसे गहरा है। यह गड्ढा ‘बहामास के आईलैंड’ पर स्थित है। जब वैज्ञानिकों ने इसके बारे में रिसर्च की तब उन लोगों को पता चला कि यह गड्ढा करीब करीब 15000 सालों से यहां पर स्थित है। डाइर्वस का कहना है कि जब वे इसके अंदर जाते हैं। तो उन्हें 25 से 30 मीटर तक साफ साफ दिखाई देता है। उसकी वजह यहां का साफ पानी है। यहां पर बहुत सारे टूरिस्ट भी आते हैं जो वहां पर मौज मजाक करते हैं।

3) बिमाह सिंक होल :- दोस्तों ओमान में जब इस गड्ढे को खोजा गया, तब वहां के लोग उसे देख कर हैरान हुए, क्योंकि उसका कलर नीला और पानी एकदम साफ था। उस दिन से रोज लोग वहां पर देखने जाते हैं। वही कुछ वहां पर नौजवान लड़के तैरने आते हैं। इसे दुनिया का सबसे सुंदर और साफ पानी वाला गड्ढा भी कहा जाता है। इसी कारण यह जगह पर विश्वभर में से लोग तैरने के लिए और उसे देखने के लिए आते हैं।

2) सारी सारी नामा :- यह गड्ढा वेनेजुएला के जंगल के बीचो बीच स्थित है। इस गड्ढे के अंदर उसका खुद ही का एक शानदार वातावरण है। यह घटा इतना सुंदर है कि इसके जैसा दूसरा गड्ढा इस दुनिया में नहीं है। इस घंटे के अंदर जंगल भी है, झरने भी है और खतरनाक जानवर भी मौजूद है। यहां पर कोई लोग नहीं जाती क्योंकि उनका मानना है कि उसके आसपास के जंगल में इंसान को जिंदा खाने वाले आदमी रहते हैं।

1) डोअर टू हेल :- इस गड्ढे को तब खोजा गया जब इसमें आग नहीं थी। इस गड्ढे में भरपूर मात्रा में ‘मीथेन’ गैस थी। उसे खत्म करने के लिए वैज्ञानिकों ने उसमें आग लगा दी। उसके बाद वहां की आग अब तक बुझ नहीं पाई। वहां पर हर साल 50000 से लेकर 100000 तक पर्यटक उसे देखने के लिए आते रहते हैं। और उन्हीं लोगों ने इसे ‘नरक के दरवाज़े’ का नाम दे दिया।

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