इन 2 वजह से महिलाओं के झड़ते हैं बाल
जहां गंजेपन या बालों के अत्यधिक झड़ने की समस्या से संबंधित ट्रीटमेंट कराने वालों में 9० फीसदी पुरुष ही थे, लेकिन वर्तमान समय में गंजेपन या हेयर लॉस की समस्या को लेकर डमेर्टोलॉजिस्ट या स्कीन रोग विशेषज्ञों के पास जाने वालों में 6० फीसदी सिर्फ महिलाएं हैं.
इसके लिए कई सारी चीजें जिम्मेदार हो सकती हैं, लेकिन सीमित कैलोरी वाले आहार, निरंतर डायटिंग, तनाव, कलरिंग, ब्लोड्राय व स्ट्रेटनिंग जैसे केमिकल और हीट-बेस्ड हेयर ट्रीटमेंट्स इस समस्या की मुख्य वजहें हैं.
महिलाओं में हेयर लॉस के दो मुख्य पैटर्न हैं-
फीमेल पैटर्न हेयर लॉस : इस मुद्दे में बाल कम या थोड़ा अधिक मात्रा में झड़ते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इसमें बाल पतले होने लगते हैं.
टेलोजन एफ्लुवियम : इसमें बाल आकस्मित से बेहद झड़ने लगते हैं, इस स्थिति में प्रति दिन के हिसाब से सौ बाल गिरते हैं.
बालों के गिरने या निर्बल होने का मुख्य कारक 18०० कैलोरी से नीचे की डायट है. इसके अतिरिक्त डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टायफाइड जैसी बीमारियां भी बालों के स्वास्थ्य को बेहद प्रभावित करती हैं. इसके साथ ही आयरन, विटामिन बी12, विटामिन डी व फेरिटिन का कम होना भी बालों के गिरने के लिए जिम्मेदार है.
पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम) व एंड्रोजन (पुरूष हामोर्न) की अधिक मात्रा जैसी हामोर्न्स की असामान्य स्थिति का भी निगेटिव असर बालों पर पड़ता है, इसलिए इनकी जाँच कराई जानी चाहिए.