इन लक्षण हो सकती है ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट की समस्या!
शिशु के जन्म के बाद मां को ब्रेस्ट में सूजन हो या दर्द होने की स्थिति को ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट कहते हैं। ऐसा ब्लड फ्लो बढ़ने के साथ ही ब्रेस्ट में मिल्क सप्लाई की वजह से होता है। नवजात को जन्म देने वाली मां को यह परेशानी बेबी डिलिवरी के बाद पहले दिन भी या बेबी डिलिवरी के कुछ दिनों बाद भी हो सकती है। अगर महिला ब्रेस्टफीडिंग नहीं भी करवाना चाहती है, तो भी ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट की समस्या हो सकती है।
वरी के बाद ब्लड फ्लो बढ़ने की वजह से ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट की समस्या शुरू हो सकती है। ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट ब्लड फ्लो के साथ-साथ इसके निम्नलिखत कारण हो सकते हैं। जैसे:-
शिशु को स्तनपान नहीं करवा पाना
शिशु के डिलिवरी के 3 से 5 दिनों बाद भी मिल्क फॉर्मेशन नहीं होना
स्तन में दूध ठीक तरह से नहीं बनना
मिल्क फॉर्मेशन होने के बाद भी शिशु को ठीक तरह से स्तनपान नहीं करवा पाना
जानकारी के अभाव की वजह से डिलिवरी के बाद शुरुआती दो-तीन दिनों तक बेबी को ब्रेस्टफीडिंग ठीक तरह से नहीं करवाना
अगर ज्यादा मिल्क फॉर्मेशन हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में ब्रेस्ट पंप से मिल्क निकालना। अगर मिल्क नहीं निकाला गया तो ब्रेस्ट लंप होने की संभावना होती है जो बाद में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है।
स्तन इंगोर्जमेंट के इन ऊपर बताये गये छह कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसलिए शिशु को स्तनपान करवाते वक्त ध्यान रखें कि शिशु ठीक तरह से दूध पी रहा है या नहीं और आपको स्तन से जुड़ी कोई परेशानी महसूस हो रही है या नहीं।