This dog distributes 25 liters of milk on his shoulders every day in the entire village

रोज अपने कन्धों पर 25 लीटर दूध लेकर पूरे गावं में बांटता है ये कुत्ता

इंसान और कुत्ते के बीच एक ख़ास प्रकार के संबध होता है, कुत्ता ही एक ऐसा जानवर है जो सबसे ज्यादा अपनी वफादारी के लिए जाना जाता है. आपने इंसान और कुत्ते से जुड़ी कई कहानियाँ और कई सारे फिल्में भी जरूर देखी होगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसे कुत्ते की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जो ना केवल अपने मालिक का बेहद वफादार है बल्कि अपने मालिक के काम के भार को भी संभाला हुआ है. आज हम जिस कुत्ते के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो असल में अपने मालिक के दूकान से दूध लेकर पूरे गावं में बाँट आता है वो भी बिना किसी के मदद की. आईये आपको बताते हैं की आखिर क्या है ये पूरा वाकया.

आपको बता दें की आज हम जिस वफादार कुत्ते की कहानी आपको बताने जा रहे हैं वो असल में तमिलनाडु के एक गावं की है. बता दें की आठ साल का मणि नाम का ये कुत्ता अपने मालिक का इतना वफादार है क वो रोज उसे उसके बिजनेस में मदद करने के लिए खुद अपने कन्धों पर 25 लीटर दूध लेकर उसे पूरे गावं में बांटता है. अब आप सोच रहे होंगे की भला एक कुत्ता ऐसा कैसे कर सकता है तो आपको बता दें की असल में इस कुत्ते को उसके मालिक ने इस तरह से ट्रेंड किया है की वो बिना किसी परेशानी के आराम से पूरे गावं में दूध बाँट आता है और गावं के लोग भी इस कुत्ते से बेहद प्यार करते हैं.

बता दें की तमिलनाडु एक गावं एक रहने वाला ठेन्गावाली नाम के आदमी को ये कुत्ता सड़क पर घयल अवस्था में मिला था . ठेन्गावाली इस कुत्ते को अपने घर ले आया था और उसकी खूब सेवा की, जब वो ठीक होगया तो हमेशा के लिए ठेन्गावाली के पास ही रह गया. बता दें की ठेन्गावाली के पास पांच गाय है और गावं में दूध बेचकर अपना घर चलाता है. ठेन्गावाली जब भी दूध देने गावन वालों के घर जाता तो मणि भी उसके साथ जाता था.

इस तरह से रोज ठेन्गावाली के साथ दूध बेचने जाने से लेकर घर आने तक इस कुत्ते को पूरी जानकारी होगयी थी किसके घर दूध पहुँचाना है और किन रास्तों से जाना है. इसके बाद एक दिन ठेन्गावाली के मन में ख्याल आया की क्यूँ ना मणि को ही दूध देने गावं में भेजा जाए इससे उसका समय भी बचेगा और वो दुसरे का भी कर पायेगा. इसके बाद ठेन्गावाली ने मणि के लिए एक लकड़ी का पुलोवर बनाया और उसे मणि के कन्धों से बाँध कर उसपर 25 लीटर दूध रखकर उसे पूरे निर्देश के साथ गावं की तरफ रवाना कर देता.

आपको जानकर हैरानी होगी की इस कुत्ते के ऐसे घर घर जाकर दूध देने से लोग इसको बहुत मानाने लगे. अब ये जहाँ भी जाता लोग इसे दूध और बिस्कुट जरूर देते खाने को. गावं के बच्चे भी मणि से काफी हिलमिल गए थे और उन्होनें मणि के साथ खाली समय में खेलना शुरू कर दिया. ठेन्गावाली का कहना है की पहले वो और उसकी बेटी गावं में दूध देने जाते थे लेकिन मणि के आने के बाद उनका काम काफी आसान होगया है.

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