हड़प्पा सभ्यता के बारे में कुछ रोचक तथ्य क्या हैं? जानिए इसके बारे में

किसी भी सभ्यता के बसने के लिए पानी की जरुरत सबसे ज्यादा होती थी | प्राचीन समय की सभी सभ्यताएं नदियों के किनारों पर बसी हुई थी | जैसे की नील नदी के किनारे पर बसी थी मिस्त्र सभ्यता | उसी तरह सिंधु घाटी सभ्यता सिंधु नदी के किनारे पर बसी थी |

हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु घाटी सभ्यता या सिन्धु सरस्वती सभ्यता भी कहा जाता है | सिन्धु घाटी सभ्यता bronze age सभ्यता है | यह सभ्यता बलूचिस्तान से लेकर गुजरात और पंजाब में झेलम नदी तक फैली हुई थी |

अंग्रेजी भाषा में इस सभ्यता को Indus Valley Civilization भी कहा जाता है |इतिहास के अनुसार ये सभ्यता 8000 वर्ष से भी पुरानी है | इस सभ्यता का काल 2500 – 1700 ईसापूर्व माना जाता है |

हड़प्पा सभ्यता के अवशेषों के बारे में British East India Company के एक सिपाही और खोजकर्ता Charles Masson ने पता लगाया था | 1921 में Sir John Hubert Marshall की अध्यक्षता में दया राम साहनी और दुसरे लोगो ने सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज की |

हड़प्पा और Mohenjo-Daro[1] इस सभ्यता के मुख्य शहर थे इन शहरो का निर्माण जिस तरह से किया गया था उस तरह का निर्माण उस समय में दुनिया में कहीं भी नहीं था |

हड़प्पा सभ्यता में सीवर सिस्टम और ड्रेनेज सिस्टम आज के समय के मेट्रो शहरों की तरह से था |
हड़प्पा सभ्यता में अब तक भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में 2000 साइट्स मिल चुकी हैं जिनमें से मोहनजोदड़ो को सबसे बड़ी साईट माना जाता रहा है |

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