WhatsApp का लोकल बैकअप रात 2 बजे के आसपास ही होने की क्या वजह हो सकती है? जानिए वजह

बैकअप बनना एक ऐसा प्रॉसेस है, जिसमें फोन की ज्यादतर हार्डवेयर क्षमता ईस्तेमाल करनी पड़ती है.

बैकअप बनते समय फोन का सबसे ज्यादा RAM ईस्तेमाल होता है.
बैकअप बनते समय फोन का सबसे ज्यादा प्रोसेसर ईस्तेमाल होता है.
बैकअप बनते समय फोन की ज्यादा battery ईस्तेमाल होती है.
बैकअप बनते समय फोन का ज्यादा इन्टरनेट का इस्तेमाल होता है.
बैकअप बनते समय फोन में एक स्थिर नेटवर्क होना चाहिए, जो बस बैकअप के लिए ईस्तेमाल हो सके.
बैकअप बनते समय फोन की इंटरनल मेमोरी भी ईस्तेमाल की जाती है.
बैकअप बनते समय अगर उपर दिए गए function अगर बैकअप के लिए ही ईस्तेमाल किए जा रहे हो तो बैकअप फाइल जल्दी से और बिना किसी error के बन जाती है. और वह फाइल भविष्य में वापिस आराम से बिना किसी दिक्कत के restore भी हो जाती है.

जब भी फोन में बैकअप बनता है तो उपर दिए function का ज्यादा से ज्यादा ईस्तेमाल फोन करता है, ऐसे में अगर वही समय पे फोन में आप और कोई एप्लिकेशन ईस्तेमाल कर रहे है, तो काफी ज्यादा संभावना है कि वह एप्लिकेशन slow हो जाए, या फोन हैंग हो जाए या रुक रुक के चले क्योंकि की बैकग्राउंड में बैकअप की प्रक्रिया चालू रहती है,, और आपका डाटा जितना ज्यादा उतना ही समय भी ज्यादा लगेगा.

आजकल तो whatsapp का इस्तेमाल इतना बढ़ गया है कि सबसे ज्यादा फोन में डाटा WhatsApp का ही होता है, और उसमे काफी डाटा बिना काम का होता है. तो बैकअप के लिए समय भी ज्यादा लगता है.

तो ऐसे में रात के 2 बजे का बैकअप का समय whatsapp के algorithms में निश्चित किया गया है, क्योंकि उस समय पे काफी लोग अपना फोन ईस्तेमाल नहीं करते, और बैकअप की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो जाती है. और फोन के सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर को भी कोई हानी नहीं होती है.

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