Kohli has shown that anyone can do wonders in all three formats: Rahul Dravid

विराट कोहली कब IPL 2020 में खुलकर कर सकेंगे बल्लेबाजी: हर्षा भोगले

अगर आप बेंगलुरु के प्रशंसक हैं तो ये चेतावनी है। ये कमजोर दिल वाले लोगों के लिए नहीं है। विराट कोहली और एबी डिविलियर्स की जुगलबंदी और युजवेंद्रा सिंह चहल की मौजूदगी इसे एक ऐसी टीम बनाती है जिसे आप हमेशा देखना चाहते हो, लेकिन आमतौर पर टीम के ढहने का ये भी मतलब हुआ कि प्रशंसक हमेशा अपनी सीटों पर खड़े रहते हैं, जैसे उनके मन में सवाल हो कि अब क्या होगा।टीम ने अब तक पांच मुकाबले खेले हैं। भले ही इतने मैचों से किसी पैटर्न को तलाशा नहीं जा सकता, लेकिन कोई अनुमान लगाने के लिए मैचों की ये संख्या इतनी कम भी नहीं है। इस साल बेंगलुरु ने अपना फोकस एक अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप पर किया, ताकि विराट कोहली और एबी डिविलियर्स से दबाव कम किया जा सके।

देवदत्त पडीक्कल के रूप में उन्हें अच्छा प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिल भी गया। लेकिन, अगर आपने नोटिस किया हो तो देखेंगे कि जिन टीमों ने अच्छा प्रदर्शन किया है उनका बल्लेबाजी क्रम बेहद गहराई लिए है और निरंतर रहा है। मुझे ये देखकर हैरानी हो रही है कि ऐसे में जबकि बल्लेबाजी का इंजन शीर्ष चार बल्लेबाजों को माना जाता है फिर भी हमें पांचवें और छठे नंबर के लिए भरोसेमंद व दबदबे वाले बल्लेबाजों की जरूरत है।बाकी सभी की तरह मैं भी दिल्ली के खेलने के तरीके से बेहद प्रभावित हुआ हूं। शीर्ष क्रम में पृथ्वी शॉ और श्रेयस अय्यर टीम के लिए बेहद सकारात्मक शुरुआत करते हैं, लेकिन उन्हें बाद में मार्कस स्टोइनिस और रिषभ पंत की ताकतवर बल्लेबाजी से भी काफी लाभ हुआ है। यहां स्टोइनिस की भूमिका बेहद अहम है। पांचवें या छठे नंबर पर वह मैच का रुख मोड़ देते हैं। वह जिस निरंतरता और भरोसे के साथ ऐसा कर रहे हैं, इससे शीर्ष क्रम को खुलकर खेलने का मौका मिलता है। 15 ओवरों तक चार विकेट गिर भी जाते हैं तो भी चिंता की बात नहीं है क्योंकि पता होता है कि अभी स्टोइनिस हैं। ठीक यही भूमिका मुंबई के लिए हार्दिक पांड्या और कीरोन पोलार्ड निभाते हैं।अब वापस बेंगलुरु की बात करते हैं। अगर मोइन अली, शिवम दुबे को मौका मिलता है और क्रिस मौरिस ये भरोसा दें कि अंतिम ओवरों में निचले क्रम पर वह सब संभाल लेंगे तो इससे कोहली अधिक आजादी से खेल सकेंगे। मुझे ऐसा महसूस हुआ कि उन्होंने दिल्ली के खिलाफ खुद को लंबे समय तक खुलकर खेलने से रोके रखा।

शायद वह पांचवें, छठे और सातवें नंबर के बल्लेबाजों को लेकर बहुत अधिक आश्वस्त नहीं थे।निचले मध्यक्रम यानी पांचवें और छठे नंबर की बल्लेबाजी को मजबूत करने से टीमें इंग्लैंड की तरह बन सकती हैं। निचलेक्रम में स्टोक्स, बटलर और गेंदबाजी ऑलराउंडर की मौजूदगी से इंग्लैंड के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका मिलता है। ठीक उसी तरह टी-20 क्रिकेट में पांचवें, छठे और सातवें नंबर के बल्लेबाजों की बदौलत शीर्ष चार बल्लेबाजों को आजादी से खेलने का लाइसेंस मिलता है। ये ऐसी एप्रोच है जिससे आप कुछ मैच हार सकते हैं, लेकिन काफी सारे मुकाबले जीत सकते हैं। ऐसे में जबकि बेंगलुरु ने इस साल अधिकतर सही कदम उठाए हैं, हो सकता है कि टीम को शिवम दुबे, क्रिस मौरिस और वाशिंगटन सुंदर से शीर्ष चार बल्लेबाजों को अधिक भरोसा देने की जरूरत हो।

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