किस समय का स्नान राक्षसी स्नान कहा जाता है? जानिए

मुनि स्नान – ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 से 5 बजे के बीच किया गया स्नान ‘मुनि स्नान’ कहलाता है। इस समय ऋषि-मुनि स्नान करते हैं। इसे ‘सर्वश्रेष्ठ’ स्नान माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार पवित्र स्नान करने से परिवार में सुख, शांति, धन, धन, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की वृद्धि होती है और व्यक्ति को विपत्तियों से मुक्ति मिलती है।

देव स्नान – यह स्नान सुबह 5 बजे से सुबह 6 बजे के बीच किया जाता है। धार्मिक शास्त्रों में इस स्नान को ‘उत्तम’ बताया गया है।

शास्त्रों के अनुसार देवता के स्नान करने से यश, कीर्ति, मान, मान और वैभव की प्राप्ति होती है।

मानव स्नान – साधारण लोग सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच स्नान करते हैं। इस स्नान को मानव स्नान कहते हैं। इसे ‘सामान्य’ स्नान कहा गया है।

मानव स्नान करने से परिवार के सुख-समृद्धि और अच्छे कर्मों में वृद्धि होती है। सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

रक्षा स्नान – शास्त्रों के अनुसार सुबह 8 बजे के बाद जो स्नान किया जाता है उसे राक्षसी स्नान कहते हैं। धर्म में राक्षसी स्नान वर्जित बताया गया है।

आसुरी स्नान विपत्ति, संकट, धन की हानि का कारण बनता है और काम में बाधा उत्पन्न करता है।

वैसे शास्त्रों में बताया गया है कि दिन में तीन बार स्नान करें, पहला सुबह स्नान करें, दूसरा दोपहर में और तीसरा शाम को 6 बजे स्नान करें।

लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के लिए ऐसा करना संभव नहीं है।

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