भगवान विष्णु के नाम में “श्री” का उपयोग क्यों किया जाता है और भगवान शिव के लिए “श्री” का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?

भगवान विष्णु के लिए श्री शब्द का प्रयोग होता हैं क्योंकि लक्ष्मी उनकी पत्नी हैं और उनका नाम भी श्री हैं ।

परंतु ऐसा नहीं हैं कि भगवान शिव के लिए श्री शब्द का प्रयोग होता ही नहीं हैं । हमारे कई शास्त्रों व ग्रंथों मे उनके लिए श्री का प्रयोग हुआ हैं ।

महाभारत द्रोण पर्व — अध्याय २०२

नारायण ऋषि के इस प्रकार स्तुति करने पर अचित्य स्वरूप, पिनाकधारी, नील कण्ट भगवान शिव ने घर पाने के सर्वथा योग्य उन देवप्रधान नारायण को बहुत से घर दिये।

श्री भगवान बोले- नारायण! तुम मेरे कृपा प्रसाद से मनुष्यों, देवताओं तथा गन्धर्वों में भी असीम बल पराक्रम से सम्पन्न होओगे। देवता, असुर, बड़े-बड़े सर्प, पिशाच, गन्धर्व, यक्ष, राक्षस, सुपर्ण, नाग तथा समस्त पशुयोनि के सिंह, व्याघ्र आदि प्राणी भी तुम्हारा वेग नहीं सह सकेंगे। युद्ध स्थलों में कोई देवता भी तुम्हें जीत नहीं सकेगा। शस्त्र, वज्र, अग्नि, वायु, गीले सूखे पदार्थ और स्थावर एवं जगंम प्राणी के द्वारा भी कोई मेरी कृपा से किसी प्रकार तुम्हें चोट नहीं पहुँचा सकता। तुम समरभूमि में पहुँचने पर मुझसे भी अधिक बलवान हो जाओेगे।

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