बादाम को भिगोकर खाना चाहिए या सूखे ही खाना चाहिए,दोनों में क्या अंतर है?
बादाम को भिगोकर खाना चाहिए सुखी बदाम भिगोकर खाने से जो वसा होती है ,वह निकल जाती है , और यह शरीर और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है ।
खाली पेट सूखे बदाम नहीं खाने चाहिए इससे वजन बढ़ता है, और पेट की समस्याएं पैदा होती है, सूखे बदाम खाने 1 दिन में 8 से 10 बदाम खाने चाहिए ,अगर ज्यादा बदाम खाएंगे तो आपके पाचन क्रिया पर प्रभाव पड़ेगा और पचाने में भी परेशानी होती है।
इसके संबंधी समस्याएं हो सकती है ,बादाम खाने से दिल मजबूत होता है यह है दिमाग को मजबूत और तेज बनाता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है ,बदाम किसी भी प्रकार से खाएं दोनों ही अच्छे होते है, बदाम पाचन क्रिया में भीगोकर खाना अच्छा होता है।
सूखे बदाम खाने से उसके छिलके को बचाना मुश्किल होता है ,इसलिए बादाम को भिगोकर खाए तो ज्यादा फायदेमंद होता है वह पचाने में आसान होता है, बादाम के छिलकों में टेंशन होता है खून में पित्त की मात्रा बढ़ती है, छिलके निकालने से बादाम के पोषक तत्व पूरे शरीर को मिलते है, इसलिए छिलके हटाकर बदाम खाना ज्यादा लाभदायक होता है, व्यक्ति की सेहत अच्छी होती है ।