मनुष्य जन्म लेने के बाद तुरंत क्यों नहीं चल पाता , जबकि दूसरे जानवर चल सकते है ऐसा क्यों

ज्यादातर स्तनधारी जिव इस पृथ्वी पर ऐसे है जो अपने बच्चे को जन्म देने के बाद तुरंत ही उनके बच्चे चलने लगते है जैसे की घोड़ा ,हाथी ,गाय ,बकरी ,भैंस पर मनुष्य के शिशु जन्म लेने के बाद 1 साल तक का समय लेते है तब वे चलना सीखते है। आज हम जानेंगे ऐसा क्यों होता है ?

आपने यह तो जरूर सुना होगा की मनुष्य पहले दो पेरो से नहीं बल्कि हाथ पैरो का उपयोग करके चलते थे जैसे जानवर चलते है। धीरे धीरे समय बितने पर मनुष्य दो पेरो पर चलने लगा दो पेरो पर चलने पर वह कम ऊर्जा का उपयोग करके दूरतक तेजी से जा सकता था दो पैर पर चलने के कारण धीरे धीरे समय बितने पर मनुष्य के शरीर में थोड़े थोड़े बदलाव आए (मादा ) की योनि मार्ग जंहा से बच्चेका जन्म होता है वह मार्ग छोटा हो गया।

मनुष्य का दिमाग बड़ा होता है इसलिए मनुष्य विकसित होने वाले मस्तिष्क के साथ जन्म नहीं ले सकता है क्योंकी शिर बड़ा होने पर मादा अपने शिशु को जन्म देने में असमर्थ रहती है (योनि मार्ग में से जन्म नहीं दे पाती) इसलिए मनुष्य का दिमाग जन्म लेने के बाद भी पूरी तरह से विकसित नहीं होता है जबकि दूसरे प्राणिओ के बच्चो के दिमाग (घोडा ,गाय ,हाथी ) विकसित होते है।

मनुष्य चार पैरो से नहीं बल्कि 2 पैरो से चलता है और 2 पैरो पर चलने के लिए दिमाग उतना तो विकसित होना जरुरी होता हे जो अपने शरीर को चलने वक्त नियत्रित (बैलेंस ) करा सके। मनुष्य के मस्तिष्क 1 साल बाद उतना विकसित हो जाता है जो अपने शरीर को बैलेंस कर सके। इसलिए मनुष्य जन्म लेने बाद तुरंत चलने में असमर्थ हे।

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