वनस्पति डाइट है सबसे खास, जाने क्या है इसके फायदे और नुकसान
वनस्पति आधारित डाइट का मतलब यह होता है कि वह सभी चीजें जो आपको पेड़ पौधों से सीधे प्राप्त होती हैं, जैसे फल, सब्जियां, फूल, जड़ इत्यादि। जब से यह महामारी फैली है तब से ही इम्यूनिटी की बात इन दिनों बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दिल और हड्डियों की सेहत को लेकर भी लोग बहुत चिंतित हैं। ऐसे में वे कई तरह की डाइट आजमा रहे हैं, इनमें वीगन और वनस्पति आधारित डाइट काफी लोकप्रिय है।
वीगन डाइट में लोग जंतुओं से प्राप्त होने वाली किसी भी चीज का सेवन नहीं करते हैं, यहां तक कि दूध, शहद इत्यादि का भी नहीं। वीगन डाइट में जिन चीजों को नजरअंदाज किया जाता है वही वनस्पति डाइट में थोड़ी बहुत मात्रा में से ले सकते हैं ।अच्छी बात यह है कि इससे शरीर में जरूरत व प्रोटीन, फाइबर मिल जाते हैं, इसलिए विशेषज्ञ से पूर्ण पोषण देने वाली डाइट मानते हैं ।
वनस्पति आधारित डाइट में वे सभी खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जैसे सब्जियां, अनाज, फल और पेड़ पौधे से जो भी प्राप्त होते हैं। इसमें बॉडी मास इंडक्स बीएमआई को संतुलित रखने और कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। जैसे डायबिटीज, रक्त चाप को वह कई तरह के कैंसर का खतरा भी कम किया जा सकता है।
ऐसा माना जा रहा है की माँस वाली डाइट से बेहतर है।वनस्पतियां का डाइट में फाइबर ,मैग्निशियम, विटामिन सी, और फाइटोकेमिकल्स, फोलिक एसिड, भरपूर मात्रा मे पाया जाता है।
इसमें कम कैलोरी, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है। हमारे सिस्टम में टी सेल सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक हैं, जिन्हें टी लिंफोसाइट कहा जाता है।
टी सेल बहुत ज़रूरी सिस्टम है जो इम्यूनिटी मे जरूरी भूमिका निभाते हैं और खतरनाक पैथोजेन्स के खिलाफ शरीर का बचाव करने में सहायक है। पैथोजेन्स से कई और बीमारियां होती हैं।
फल और सब्जियों में करोटीनोइड और फ्लेवोनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं । सब्जी और अनाज में एंटीवायरल क्षमताएं होती हैं जो हमें वायरल इंफेक्शन वगैरह से बचाती है।