सावरकार ने अंग्रेजों से माफी क्यों मांगी थी? जानिए वजह

18 जनवरी, 1920 को सावरकर के बड़े भाई डॉ नारायणराव सावरकर ने महात्मा गांधी को पत्र में लिखा- “…कल मुझे भारत सरकार द्वारा सूचित किया गया कि (कालापानी से) रिहा किए जाने वाले लोगों में सावरकर बंधु शामिल नहीं हैं. …कृपया मुझे बताएं कि इस मामले में क्या करना चाहिए. मेरे दोनों भाई अंडमान में दस वर्ष से ऊपर कठिन सजा भोग चुके हैं, और उनका स्वास्थ्य बिल्कुल चौपट हो चुका है. उनका वजन 118 पौंड से घटकर 95-100 पौंड रह गया है।”

गांधी के लिखने पर भी सावरकर की रिहाई नहीं हुई थीं।सावरकर के बड़े भाई से गांधी जी से परिचय था।अंग्रेजों का कहना था अपराधी की तरफ से आवेदन चाहिए।

अंग्रेजों के मांग पर सावरकर से आवेदन लिखवा कर पटेल और तिलक जी ने मंगवाया।फिर उन्हे छोड़ने के लिए फिर लिखा गया।उनकीं रिहाई 1920 में ही हो गयी।

भगतसिंह के केस में भी भी मालवीय जी लिखित लेने गये थे लेकिन भगतसिंह ने मना कर दिया था।

गांधी जी ने यह सब तब किया था जबकि सावरकर हिन्दू राष्ट्र के और गांधी जी अखंड भारत के लिए लड़ रहे थे।यह भी अजीब है कि सजा माफ़ करवाने वाले गांधी जी की हत्या के मास्टर माइंड के रूप में सावरकर को गिरफ्तार किया गया था।

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