अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन धरती पर क्यों नहीं गिरता है? जानिए इसके बारे में

अन्तर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन अथवा अन्य जितने भी कृतिम उपग्रह जो धरती का चक्कर लगाते हैं, यहाँ तक कि हमारा अपना चन्द्रमा भी, यह सब लगातार धरती पर गिर भी रहे हैं, किन्तु इनका अपना पृथ्वी से दूर जाने का वेग इतना है कि वह धरती के आकर्षण के खिंचाव से गिरने का वेग के बराबर है। इससे यह उपग्रह धरती पर गिरते नहीं, किन्तु धरती का चक्कर लगाते रहते हैं।

क्यों घूमते हैं इसका कारण जान लीजिए।

मान लें हमने कोई पत्थर सीधा उपर फेंका, वह फिर से हमारे ही उपर आ गिरेगा। किन्तु यदि उसे किसी कोण से उपर फेंका जाए, तो पत्थर कुछ दूरी तक उपर उठता है, फिर वह नीचे गिरने लगता है। उपर उठने की उँचाई तथा नीचे गिरने से पहले तय की गई दूरी जिस वेग से हम उस पत्थर को फेंकते हैं उसके अनुपात में कम अथवा अधिक होती है। पत्थर उपर तब तक ही उठ सकता है जब तक पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति उस पत्थर के उपर उठने के वेग को शून्य न कर दे। इसके बाद पत्थर गिरने लगता है।

किन्तु पत्थर की क्षैतिज (भूमि के समानान्तर) गति पर गुरुत्वाकर्षण शक्ति का प्रभाव नहीं पडता। यह गति वायुमण्डल के घर्षण से कम अवश्य होती जाती है।

अब मान लें कि हमने पत्थर को इतनी तेजी से उपर फेंका कि उसकी क्षैतिज गति इतनी हो कि वह धरती के गोल होने का लाभ उठा कर मात्र उसकी धरती से दूरी के अनुपात में ही नीचे गिर पाए, यानि जब उसका उर्ध्व वेग शून्य हो तब उसका क्षैतिज वेग इतना हो कि वह धरती के समानान्तर अन्तरिक्ष में चक्कर लगाने लगे। यह वेग ८ किलोमीटर प्रति सेकंड है। इससे अधिक वेग होने पर उपग्रह अधिक दूरी तक उपर उठ कर पृथ्वी का चक्कर लगाता है। किन्तु ११.२ किलोमीटर प्रति सेकंड से अधिक वेग होने पर यह रॉकेट पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होकर सूर्य का चक्कर लगाने लगेगा। सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होने के लिए पृथ्वी की कक्षा में स्थित वस्तुओं को लगभग ४२.१ किलोमीटर प्रति सेकंड की गति पानी होगी।

अंतरिक्ष में लगभग निर्वात है। इस कारण इन उपग्रहों की अपनी जो भी गति है वह लगभग नगण्य घर्षण के कारण कम नहीं होती, जिससे यह उपग्रह सदा पृथ्वी का चक्कर लगाते रहते हैं। यदि किसी कारणवश इनकी अपनी गति कम होने लगे तो इन उपग्रहों में जो बूस्टर रॉकेट लगे होते हैं, उनसे इन उपग्रहों को गति को बढा दिया जाता है जिससे यह उपग्रह सदा अपनी कक्षा में घूमते रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *