गुजरात सरकार पर कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा छिपाने का लगा आरोप

गुजरात में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. श्मशान घाटों के बाहर अंतिम संस्कार करने के लिए लाशों की कतारें लगी हुई हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, सूबे में बीते 71 दिनों में 1.23 लाख डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, जबकि इनमें से कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा सिर्फ 4,218 ही बताया जा रहा है. जिसके बाद गुजरात सरकार पर कोरोना से होने वाली मौतों के सही आंकड़े नहीं बताने के इल्जाम लगने लगे हैं.

मौत के आंकड़ों को छिपाने के आरोप लगने बाद गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा अब सरकार का बचाव कर रहे हैं. प्रदीप सिंह ने कहा कि ‘यह कहना सरासर गलत है कि गुजरात सरकार कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े छिपा रही है’. सरकार पर उठने वाले सवालों पर स्पष्टीकरण देते हुए सीएम विजय रूपाणी ने बीते दिनों कहा था कि सरकार आंकड़े नहीं छुपा रही है बल्कि कोमोर्बिड (गंभीर बीमारी) की वजह से हो रही मौतों को कोविड में शामिल नहीं किया जा रहा है. इसे सरल शब्दों में समझे तो यदि किसी व्यक्ति को कोरोना हुआ है और वह डायबिटीज, हार्ट या किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों से पीड़ित है तो उसकी मौत कोरोना से नहीं मानी जा रही.

अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, भावनगर, जामनगर वे जिलें हैं, जहां से कोरोना के सबसे अधिक नए केस सामने आ रहें हैं. इन महानगरों के श्मशानों के बाहर अंतिम संस्कार करने के लिए कतारें लगी हुई हैं. गुजराती अखबार दिव्य भास्कर ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि सूबे में बीते 71 दिनों में 1.23 लाख डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, जबकि इनमें से कोविड से हुई मौतों की तादाद केवल 4,218 बताई जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *