चाणक्य चंद्रगुप्त को भोजन में जहर क्यों दिया करते थे?
चंद्रगुप्त मौर्य के भोजन में चाणक्य रोज थोड़ा-थोड़ा जहर दिया करते थे। ऐसा वह इसलिए करते थे कि यदि कभी कोई दुश्मन चंद्रगुप्त को जहर देकर मारने की कोशिश करे, तो जहर का उन पर अधिक असर न हो। रोज थोड़ा सा जहर लेने से चंद्रगुप्त का शरीर जहर के लिए पहले से ही तैयार हो गया था। चाणक्य की इस योजना के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं थी।
एक दिन चंद्रगुप्त मौर्य की पत्नी ने गर्भावस्था के दौरान इस जहरीले भोजन को खा लिया था। चाणक्य ने सिंहासन के उत्तराधिकारी बिंदुसार को बचाने के लिए उसकी मां के गर्भ को फाड़ दिया था, जिससे रानी की मौत हो गई थी। चाणक्य की लोकप्रियता से ईर्ष्या रखने वाले धूर्त मंत्री सुबंधु ने इस कहानी को बदलकर बिन्दुसार के मन में चाणक्य के खिलाफ जहर भर दिया।
इसकी वजह से बिन्दुसार के मन में चाणक्य के प्रति घृणा भर गई और उसने चाणक्य के साथ संबंध खत्म कर लिए। सुबंधु ने चालाकी से इस मौके का फायदा उठाया और चाणक्य को जिंदा जला दिया।