भारत में बंदूक का लाइसेंस कैसे बनता है, और किस कागजात की ज़रूरत पड़ती है?
भारत के कुछ राज्यो में पुलिस कमिश्नर द्वारा व अधिकतर राज्यों में जिला अधिकारी या जिसको हम डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रट या डी.एम भी कहते है उनके द्वारा बनता है। बंदूक या कोई अन्य हथियार जो सिविलियन की श्रेणी में आते हो, उनका लाइसेंस बनवाने के लिए आपके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड होना चाहिए।
आप डी एम आफिस से फॉर्म लेकर या ऑनलाइन वेबसाइट द्वारा खुद फॉर्म भरकर उस भरे हुए फॉर्म को आफिस में जमा कर दे। ऑनलाइन वेबसाइट केंद्र सरकार द्वारा संचालित है । आप ऑनलाइन गन लाइसेन्स के नाम से गूगल पर सर्च कर सकते है।
आपका फॉर्म जमा होने के बाद पुलिस से तथा तहसीलदार कार्यालय से जांच की जाएगी कि आपको ऊपर कोई सरकारी बकाया तो नही है तथा थाने से आपके पते का सत्यापन होगा तथा यह देखा जाएगा कि आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला तो नही है। दोनो रिपोर्ट डी. एम कार्यालय पहुचने के बाद कलेक्टर सहाब यदि संतुष्ट होते है तो वो लाइसेंस देंगे या नही देंगे।
बस यही से परेशानी शुरू होती है क्योंकि पहुँच वालों को लाइसेंस मिलता है, और जिनकी पहुच नही होती उनको अक्सर लाइसेंस नही मिलता।
आपको बता दूँ कि लाइसेंस लेने के लिए जरूरी नहीं कि आप अमीर हो या आपकी बहुत संपत्ति हो। लाइसेंस हर वो व्यक्ति ले सकता है जिसकी पुलिस और तहसील की रिपोर्ट सही हो तथा उसको अपनी सुरक्षा हेतु हथियार के लाइसेंस की जरूरत हो। क्योंकि हर व्यक्ति की जान कीमती है चाहे वो अमीर हो या गरीब इसलिए कानून अनुसार कलेक्टर साहब लाइसेंस देने से इनकार बिना किसी ठोस वजह के नही कर सकते।