यह कैसा मंदिर जहां मां गंगा खुद करने आती हैं भगवान शिव का जलाभिषेक
भगवान को मानना या नहीं मानना… यह आप पर निर्भर करता है लेकिन अकसर वह अपनी शक्ति और उपस्थिति का एहसास आपको अपने किसी न किसी रूप में ज़रूर से करा देते हैं। भगवान शिव… जिन्हें हम भोलेनाथ, बम-बम बोले व कई नामों से बुलाते हैं। इनके नाम में ही भोला नहीं है सिर्फ यह सच में बहुत भोले हैं और अपने सच्चे भक्तों की हर मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
आज वेद संसार आपको भगवान शिव से जुड़े एक ऐसे ही खास मंदिर के बारे में बताने जा रहा है जहां दैवीय शक्ति का अनोखा चमत्कार देखने को मिलता है –
दरअसल, यह अनोखी मंदिर झारखंड के रामगढ़ में स्थित है जहां भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई आम जन नहीं बल्कि स्वयं मां गंगा करती हैं। क्यों चौंक गए ना… मंदिर की खासियत यही है कि यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होती है। यही नहीं, यहां पूजा सदियों से चली आ रही है। कहते हैं कि इस जगह का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। वहीं, भक्तों की आस्था है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद ज़रूर पूरी होती है।
शिव मंदिर का नाम “टूटी झरना” क्यों पड़ा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस अनोखी व प्राचीन शिव मंदिर को लोग “टूटी झरना” के नाम से भी जानते है। इस मंदिर का इतिहास सन् 1925 से जुड़ा हुआ है और मान्यता यह है कि तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे। वहीं, पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीजें दिखाई पड़ी। इसी के साथ अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में यह मंदिर पूरी तरह से नजर आया।
शिव भगवान की क्यों होती है पूजा
उधर मंदिर के अन्दर भगवान भोले का शिवलिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा भी मिली। इस प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है, जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिवलिंग पर गिरता दिखाई देता है। दिलचस्प बात यह है कि मंदिर के अन्दर गंगा की प्रतिमा से स्वयं पानी निकलना अपने आप में ही एक कौतुहल का विषय बना है।
मां गंगा की जल धारा का क्या है रहस्य
सबसे बड़ा सवाल यहां यह है कि आखिर यह पानी अपने आप कहां से आ रहा है। हालांकि यह बात अभी तक एक रहस्य ही बनी हुई है… लोगों की मानें तो भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं बल्कि खुद मां गंगा ही करती हैं।
बता दें कि यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से पूरी तरह घिरे हुए हैं। यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता नज़र आता है। वहीं, मंदिर के पास से ही एक नदी भी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलते रहते हैं।
शिव मंदिर “टूटी झरना” के दर्शन के लिए लगती है भारी भीड़
इस अनोखी मंदिर के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने के लिए आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता सा लगा रहता है। श्रद्धालुओं का यह मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो भी भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद ज़रूर पूरी हो जाती है। वहीं, भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं। जान लें कि इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और आपको दुखों से लड़ने की ताकत भी मिल जाती है।