Aarti is performed in this temple only after the peacock speaks, know what is the reason

इस मंदिर में मोर के बोलने के बाद ही आरती की जाती है ,जानिए क्या है वजह

आज भी केसरी की परिक्रमा करते हुए मांडवा जी का मंदिर रेगिस्तान के बीच में खड़ा है। इस मंदिर में, भगवान मांडवा की आरती सुबह और शाम को होती है।

जब एक मोर दुनिया के एक निश्चित कोने से प्रकट होता है और मंदिर के शीर्ष पर एक निश्चित स्थान पर बैठता है और दो तुहकों के स्वर निकालता है।

सदियों से, यह घटना कभी नहीं बदली है ! प्रतिदिन एक निश्चित समय पर बोलते हैं और आरती के बाद बोलते हैं। कोई नहीं जानता कि कहां जाता है ! यह भी निश्चित होना चाहिए कि शाम को मोर निश्चित समय पर वापस आए। चाहे तेज गर्मी हो, सर्दी हो या गरज के साथ बारिश हो !

इसके बदला नहीं गया है। इसके पीछे क्या कारण है ? आखिरकार, दुनिया में ऐसी कई चीज, कई घटना इस जगह मौजूद है जो वैज्ञानिक की समझ से बाहर है !

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