दुर्योधन ने अपनी मृत्यु के आखिरी क्षणों में अपनी तीन उंगलियां आसमान में क्यों उठाई थी, जानिए इस रहस्य के बारे में

दोस्तों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि दुनिया में ऐसी बहुत सारी अजीबोगरीब चीजें होती है जिसे आप समझ नहीं पाते आज हम आपको महाभारत की एक ऐसी की घटना के बारे में बता रहे हैं जब दुर्योधन अपनी मृत्यु के अंतिम चरण में था तब उसने अपनी 3 उंगलियों आसमान में उठाई हुई थी उसका क्या मतलब था आज हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं तो चलिए आपको बताते हैं.

आपको बता दें कि महाभारत के युद्ध के अंत में जब दुर्योधन भीम से युद्ध में पराजित हो जाने के बाद में भूमि पर लेटा हुआ था तब उसकी तीन उंगलियां आसमान में उठी हुई थी.

आपको बता दें यह सब श्री कृष्ण देख रहे थे और उन्हें समझने में देर नहीं लगी और वह दुर्योधन के पास गए और उन्होंने उसे कहा कि यदि तुम सोचते हो कि तुम हस्तिनापुर के निकट किला बनवा देते तो तुम विजई हो जाते यहां तुम्हारी गलतफहमी है यदि ऐसा होता तो नकुल के पास दिव्य घोड़ा है जिससे तुम्हारा किला टूट जाता है.

अगर तुम सोचते हो कि अश्वत्थामा को अगर तुम अपना सेनापति बना देते तब तुम्हारी विजय निश्चित थी तो यह भी तुम्हारी भूल है क्योंकि यदि तुम्हारी सेना का सेनापति अश्वत्थामा तो अकेले युधिष्ठिर तुम्हारी पूरी सेना का सर्वनाश कर देते।

श्रीकृष्ण ने फिर कहा कि यदि तुम सोचते हो कि तुम्हारी और से भी विदुर युद्ध लड़ता तो तुम युद्ध जीत जाते यह तुम्हारी गलतफहमी है यदि विदुर तुम्हारी ओर से युद्ध लड़ता तो मैं पांडव की ओर से युद्ध लड़ता तुम्हारी हर एक चाल में असफल कर देता यह सुन कर पाए दुर्योधन ने अपनी उंगलियां नीचे कर ली और मृत्यु को प्राप्त हो गया.

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