कल से बदल जाएगें एटीएम से पैसे निकालने से जुडे ये नियम जानिए इसके बारे में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च महीने में कोरोना वायरस के चलते किसी भी एटीएम से पैसे निकालने की छूट दी थी। ये छूट उन्होंने 3 महीनों के लिए दी थी, जिसकी मियाद 30 जून को खत्म हो रही है। राहत के तहत ग्राहक किसी भी बैंक के एटीएम से कितनी भी बार पैसे निकाल सकते थे और उन पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता था।
लेकिन 30 जून के बाद ये राहत खत्म हो जाएगी और नियमों के मुताबिक दूसरे बैंक के एटीएम से कुछ चुनिंदा ट्रांजेक्शन करने की ही इजाजत होगी। हर बैंक के एटीएम विथड्रावल को लेकर अलग-अलग नियम हैं। फिर भी अगर भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम विथड्रावल के नियमों को देखें तो मेट्रो शहरों में 8 फ्री कैश विथड्रावल की इजाजत होती है।
इसमें 5 ट्रांजेक्शन भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से की जा सकती हैं, जबकि 3 ट्रांजेक्शन अन्य किसी बैंक के एटीएम से कर सकते हैं। 8 ट्रांजेक्शन के बाद ग्राहक जितनी भी ट्रांजेक्शन करता है, उस पर उसे अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है।
बात अगर नॉन-मेट्रो शहरों की करें तो वहां पर यह सीमा 10 होती है। यानी 5 बार आप भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं, जबकि 5 बार किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकाले जा सकते हैं। अगर आप सीमा से अधिक ट्रांजेक्शन करते हैं तो पैसे निकालने की सूरत में आपको 20 रुपए चार्ज के साथ जीएसटी देना होगा, जबकि अगर आप सिर्फ बैलेंस चेक करते हैं या फिर पैसे निकालने के अलावा कोई दूसरी ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको 8 रुपए और जीएसटी देना होगा।
निर्मला सीतारमण ने इसी के साथ-साथ न्यूनतम बैलेंस रखने से भी राहत दी थी। 3 महीनों तक कोई भी बैंक न्यूनतम बैलेंस ना रहने की स्थिति में ग्राहक से पेनाल्टी नहीं वसूल सकता था। अब 30 जून को उसकी मियाद भी खत्म हो रही है और 1 जुलाई से मिनिमम बैलेंस ना होने की सूरत में ग्राहकों से पेनाल्टी वसूली जाएगी।