जानिए क्या कोरोना से बचाव के लिए दस्ताने पहनना चाहिए?

स्वास्थ्य मंत्रालय व विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे विश्वस्तरीय संगठनों ने ग्रोसरी स्टोर, मेडिकल स्टोर या अन्य किसी जगह घर से बाहर जाने पर दस्ताने पहनने की सलाह नहीं दी है। लेकिन, लोगों के बीच यह बात किसी तरह स्थापित हो गई है कि, बाहर जाने पर दस्ताने पहनने से कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी तरह से बचाव हो जाता है, जो कि पूरी तरह सच नहीं है।

सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि दस्ताने पहनने से क्या होता है। दस्ताने पहनना नंगे हाथों जैसा ही है, जबतक कि आप उसके साथ दूसरी बातों का ध्यान नहीं रखते। मतलब यह है कि, दस्ताने पहनने के बाद भी आप अगर कोरोना वायरस से संक्रमित जगहों या व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो वायरस दस्तानों पर आ जाता है। जिसके बाद आप उन्हीं दस्तानों से जब दूसरी वस्तु या व्यक्ति या सतह को छूते हैं, तो वह उसे भी संक्रमित कर देता है। इसलिए, अगर दस्ताने पहनने से आपके दिमाग को यह संकेत या ध्यान हमेशा रहता है कि, किसी भी वस्तु को कम से कम छूना है या फिर दस्ताने पहनने के बाद भी चेहरे, नाक, मुंह या किसी अन्य व्यक्ति को नहीं छूना है, तो यह कोविड- 19 के खिलाफ फायदेमंद साबित हो सकता है।

जैसा कि सीडीसी, भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ ने बता रखा है कि, डॉक्टर, हेल्थकेयर प्रोवाइडर और संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करने वाले लोगों को SARS-CoV-2 वायरस से बचाव के लिए दस्तानों का उपयोग करना चाहिए। लेकिन, अगर सभी लोग बाहर निकलने पर दस्तानों का प्रयोग करेंगे, तो इससे मार्केट में इनकी खपत बढ़ेगी।

जिससे हेल्थकेयर वर्कर्स या मरीज की देखभाल करने वाले लोगों को दस्तानों की आपूर्ति नहीं हो पाएगी, जो कि उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। क्योंकि, उन लोगों को कोविड-19 संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसलिए, बाहर जाने पर सैनिटाइजर रखना और घर आने पर साबुन व पानी से हाथ धोना ही बचाव का सबसे बेहतर तरीका है।

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