मेडिकल में अधिकतर टेस्ट चूहों पर किए जाने का क्या कारण है?
हम जब भी कोई फिल्म या कार्टून या असलियत में भी कोई टेस्ट देखते हैं, तो पाते हैं कि ये टेस्ट चूहों पर किया जा रहा है और वही चीज सफल होने के बाद इंसानों पर लागू कर के देखा जाता है। बहुत बार हमारे मन में ये सवाल आता है कि चूहे ही क्यों और कोई दूसरा जानवर भी तो इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि बंदर जिसकी इंसानों से ज्यादा समानता है चूहों के मुकाबले, तो फिर चूहे ही क्यों।
इसका सबसे साधारण जवाब है कि चूहे और इंसान दोनो ही करोड़ो सालो से साथ में विकसित हुए है, कई सारी समानताएं है इंसान और चूहों की प्रवृत्ति में जैसे कि दोनो ही सर्वभक्षक होते हैं। वही खाते हैं, जो आमतार इंसान खाते हैं, उनकी सीखने की शक्ति इंसानों जैसी ही होती है, उनकी किसी भी चीज जैसे की स्वाद, सुगंध को याद करने की क्षमता भी इंसानों जैसी ही होती है। सबसे बड़ी बात है कि वो भी स्तनधारी होते हैं, उन्हें अच्छे से पालतू बनाया जा सकता है। इंसानों और चूहों की बीमारियां भी ज्यादातर एक ही होती हैं, मतलब उन्हें भी वो बीमारी होती है, जो इंसानों को होती है और इसीलिए उनका इस्तेमाल दवाई वाली कंपनियां अपने टेस्ट में ज्यादा करती हैं।
इन सब चीजों के अलावा और भी बहुत चीजें हैं, जो कि उन्हें टेस्ट के लिए सही बनाती है, जैसे कि वो आसानी से उपलब्ध होते हैं, वो बहुत जल्दी वयस्क हो जाते हैं और ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। इंसानों में साथ रहते हैं, तो उनकी आदतों से भी भाली भांति परिचित होते हैं, छोटे होने के कारण आसानी से कहीं पे भी रखा जा सकता है और उनकी जीवन की उम्र भी कम होती है।